भारतीय शैक्षणिक संगठन की
सीएम से गुहार, दिया ज्ञापन
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 31 जनवरी । भारतीय शैक्षणिक संगठन के बैनर तले, संगठन के अध्यक्ष और शिक्षक-विधायक डॉ. आकाश अग्रवाल के नेतृत्व में वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्य और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज पंचकुइया स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से स्कूलों को पुनः खोले जाने और शिक्षकों को मानदेय दिए जाने की गुहार लगाई। शिक्षक-विधायक डॉ. आकाश अग्रवाल ने कहा कि मार्च 2020 से कोरोना महामारी के कारण विद्यालय लम्बे समय तक बंद रहे हैं। वर्तमान में भी कक्षा 1 से 12 तक के विधालय पुन बंद कर दिए गए। इसके कारण छात्र- छात्राओं का बौद्धिक व मानसिक विकास बाधित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पुनः स्कूल बंद करने का निर्णय अधिक ठंड को देखते हुए लिया था जिसे बाद में कोरोना की वजह से बढ़ा दिया गया। अब ना उतनी सर्दी है न कोरोना का उतना प्रभाव। अन्य राज्यों में भी विद्यालय खोलने का निर्णय ले लिया गया है। अतः सरकार को स्कूल तुरंत खोल देने चाहिए।
आगरा, 31 जनवरी । भारतीय शैक्षणिक संगठन के बैनर तले, संगठन के अध्यक्ष और शिक्षक-विधायक डॉ. आकाश अग्रवाल के नेतृत्व में वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्य और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज पंचकुइया स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से स्कूलों को पुनः खोले जाने और शिक्षकों को मानदेय दिए जाने की गुहार लगाई। शिक्षक-विधायक डॉ. आकाश अग्रवाल ने कहा कि मार्च 2020 से कोरोना महामारी के कारण विद्यालय लम्बे समय तक बंद रहे हैं। वर्तमान में भी कक्षा 1 से 12 तक के विधालय पुन बंद कर दिए गए। इसके कारण छात्र- छात्राओं का बौद्धिक व मानसिक विकास बाधित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पुनः स्कूल बंद करने का निर्णय अधिक ठंड को देखते हुए लिया था जिसे बाद में कोरोना की वजह से बढ़ा दिया गया। अब ना उतनी सर्दी है न कोरोना का उतना प्रभाव। अन्य राज्यों में भी विद्यालय खोलने का निर्णय ले लिया गया है। अतः सरकार को स्कूल तुरंत खोल देने चाहिए।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे स्कूल
डॉ. आकाश अग्रवाल ने बताया कि पिछले एवं इस वर्ष भी विद्यार्थियों के परिजन अपने बच्चों की फीस स्कूल में नहीं दे रहे। इसकी वजह से वित्तविहीन स्कूलों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर, 2020 में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए शिक्षकों को आर्थिक सहयोग देने की बात कही थी। इस संदर्भ में विद्यालयों से 15 हजार रुपये से कम मानदेय लेने वालों की सूची भी तैयार करवाई थी लेकिन इसके बावजूद भी हमें अब तक उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कोई आर्थिक सहयोग नहीं दिया है।
ज्ञापन की प्रमुख मांगें
- स्कूलों को तत्काल खोला जाए। कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को स्कूलों में आने की अनुमति दी जाए और विधिवत शिक्षा शुरू कराई जाएं।
- शिक्षकों को कोरोना काल का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा, यह आर्थिक सहयोग तत्काल उपलब्ध कराया जाए।
- शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है। इस पर खर्च होने वाला रुपया सरकार के द्वारा व्यय किया जाता है। इसलिए तत्काल शिक्षकों को मानदेय दिया जाए ।
- उत्तर प्रदेश चुनाव के दृष्टिगत कुछ वित्तविहीन स्कूलों के भवन रिजर्व पुलिस बल या पीएसी के रुकने के लिए अलॉट कर दिए गए हैं। वित्तविहीन विद्यालयों में संसाधनों का अभाव होता है, इसलिए सरकार के द्वारा केवल सरकारी विद्यालयों में ही रिजर्व पुलिस बल को रुकवाया जाए ।
ज्ञापन देने वालों में यह भी रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से शैलेंद्र तिवारी, राजेंद्र सिंह, बेनी प्रसाद गौतम, राजेश अरेला, राजेश रावत, करण सिंह, डॉ. मनोज यादव , पवन शर्मा, पवन अग्रवाल, पृथ्वीराज लोधी, करतार सिंह शास्त्री, योगेश गौतम, अरविंद कटारा, जगदीश, भूप सिंह, नेत्र सिंह चौहान , रवि शिवकुमार शर्मा, निरंजन सिंह, मनोज शर्मा, नीरज त्यागी, लखनलाल रघुवंशी, महेश त्यागी, विजय सिंह, सुरेंद्र त्यागी।
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