- रामगोपाल यादव वापसी को तैयार नहीं थे, शिवपाल ने भी झाड़ लिया पल्ला
नई दिल्ली में भाजपा के मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते सिरसागंज से सपा के विधायक हरिओम यादव। ( फोटो बीजेपी उत्तर प्रदेश के टि्वटर हैंडल से साभार ) |
मुकेश उपाध्याय
आगरा/फिरोजाबाद। इसमें कोई दो राय नहीं कि सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव का क्षेत्र में अपना जनाधार है। मुलायम के करीबी होने के चलते समाजवादी पार्टी में उनकी दखलअंदाजी ऊपर तक रही है। बहराल चुनावों की घोषणा होने के साथ ही हालातों ने ऐसी करवट ली कि अब समाजवादी पार्टी में रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव दोनों उनके विरोधी हो गए। लिहाजा हरिओम यादव को भाजपा का दामन थामना पड़ा।
उम्मीद है कि भाजपा से उनको टिकट मिल जाएगी। ऐसा हुआ तो सपा के लिए सिरसागंज सीट पर जीतना काफी मुश्किल हो जाएगा। योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा भाजपा छोड़े जाने के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुड़ गई है। इसी के तहत दिल्ली में भाजपा के केंद्र और प्रदेश के नेतृत्व में सिरसागंज विधायक हरिओम यादव और सहारनपुर की बेहट विधानसभा सीट से विधायक नरेश सैनी ने और आगरा से पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले ली।
दरअसल सपा से निष्कासित चल रहे हरिओम यादव को अब सपा में वापसी की उम्मीद कम ही नजर आ रही थी। रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव दोनों के विरोधी रुख को देखते हुए हरिओम यादव को पता था कि इस मामले में अब न तो अखिलेश कुछ कर पाएंगे और ना मुलायम सिंह यादव।
गौरतलब है कि सिरसागंज विधानसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता रहा है। यादव बाहुल्य क्षेत्र में 2012 और 2017 में सपा के हरिओम यादव ने जीत हासिल की थी। 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिला पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उनकी सपा नेतृत्व से रार शुरू हुई। हरिओम यादव को पिछले साल फरवरी 2021 में सपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। उनपर पार्टी लाइन से हटकर, पार्टी विरोधी गतिविधियां करने का आरोप लगा। अखिलेश यादव के निर्देश पर यह एक्शन हुआ था। फिर हरिओम यादव खुलकर शिवपाल यादव के साथ चले गए और सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो राम गोपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रो यादव से चल रही अदावत उनके बेटे अक्षय यादव के लोकसभा चुनाव में हार के बाद और गहरी हो गई। जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा ने हरिओम यादव को अपने पाले में लेकर अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया।
शिवपाल की ओर से जवाब न मिलने पर हुए भाजपाईः प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह के सपा से गठबंधन के बाद हरिओम यादव को सपा में वापसी की उम्मीद नजर आने लगी थी। मगर प्रो. रामगोपाल यादव हरिओम की वापसी को तैयार नहीं थे। शिवपाल की ओर से कोई सकारात्मक जवाब न आने पर हरिओम ने भाजपा में जाने का फैसला ले लिया। पिछली बार पूर्व मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह भाजपा प्रत्याशी थे और हरिओम ने उन्हें हराया था। अब दोनों एक ही दल में हैं। अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि ठाकुर जयवीर सिंह यादव के आने के बाद किसी सीट पर अपना दावा ठोकेंगे या फिर किसी और पर जाएंगे।
हरिओम यादव की एक और बड़ी पहचान है कि वह मुलायम सिंह यादव के समधी भी हैं। हरिओम यादव के सगे भाई रामप्रकाश की बेटी मृदुला यादव का विवाह मुलायम सिंह के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पुत्र रणवीर सिंह यादव से हुआ था। रणवीर सिंह और मृदुला यादव के पुत्र तेजवीर यादव उर्फ तेजू है जो मैनपुरी के पूर्व सांसद रहे हैं और मुलायम और अखिलेश के करीबी है।
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