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आगरा, 06 नवंबर। श्री अरविंद के 150वें जयंती वर्ष एवं आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आध्यात्म एवं राष्ट्रभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सेमिनार का आयोजन श्री अरविंद शिक्षण संस्थान आगरा द्वारा रविवार को सूरसदन में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने महर्षि अरविंद, श्री मां, विश्वेश्वर दयाल एवं श्रीमती शकुंतला अग्रवाल की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इसके बाद जयवीर सिंह, सड़क एवं परिवहन विभाग भारत सरकार के अपर सचिव अमित कुमार घोष, श्री अरविंद सोसाइटी हिंदी क्षेत्रीय समित के उपाध्यक्ष डा. जेपी सिंह, मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. एसके सिंह, जिलाधिकारी नवनीत चहल और मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन ने साहित्यकार एवं कवि विश्वेश्वर दयाल के अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति के गीतों की ऑडियो सीडी 'विश्वेश्वर वंदना' का विमोचन किया।
इस दौरान मंच पर श्री अरविंद शिक्षण संस्थान की सचिव पवित्रा अग्रवाल, अनामिका दास, शरद यादव, मनोज कोहली और समारोह का संचालन कर रहे साहित्यकार सुशील सरित भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
डॉ. मधु भारद्वाज, शबाना खंडेलवाल, अलका अग्रवाल, रेखा कक्कड़, अरुण डंग, अशोक अश्रु, दिगंबर सिंह धाकरे, संजय गुप्त और ब्रह्म कुमारी की बहनों ने भी समारोह की शोभा बढ़ाई।
इस मौके पर मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने महर्षि अरविंद को महान संत, महान दार्शनिक और महान स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए कहा कि महर्षि अरविंद के विचारों पर चलकर भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के साथ भारत को पुनः विश्व गुरु बनाया जा सकता है।
सड़क एवं परिवहन विभाग भारत सरकार के अपर सचिव अमित कुमार घोष ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि महर्षि अरविंद ने देश की आजादी के संग्राम को नए आयाम दिए और संपूर्ण मानवता के हित का मार्ग प्रशस्त किया।
अरविंद दर्शन पर 50 वर्ष तक किया लेखन..
साहित्यकार सुशील सरित ने साहित्यकार श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल का जीवन परिचय देते हुए बताया कि वह पथवारी बेलनगंज निवासी थे। उन्होंने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में अध्ययन किया। स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने 50 साल तक श्री अरविंद दर्शन समेत समसामियक विषयों पर लगातार लेखन कार्य किया। उनकी दो पुस्तकों को सत्यदीप और आरोहण का प्रकाशन हो चुका है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
साहित्यकार सुशील सरित ने श्री विश्वेश्वर दयाल की रचना श्री अरविंद पूरण योगी का संगीतमय पाठ किया। नृत्य कला केंद्र आगरा की आरती हरि प्रसाद के निर्देशन में कलाकारों ने -आओ मिल प्रभु गुन गाएं, राष्ट्र को महान बनाएं की शानदार प्रस्तुति कर लोगों का मन मोह लिया।
इसके बाद बच्चों ने- स्वतंत्रता को पंख मिले धरा के, राष्ट्र निर्माण की बेला आई पर नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। शिक्षका मेघा शर्मा के निर्देशन में बच्चों ने मां माहाकाली के भक्ति से भरपूर भजन- विरद करहु कजरारे सोचन, अज्ञान-अहम् के मुंड उतारो पर नृत्य के जरिये आध्यात्म के रस में डुबकी लगवा दी।
सूरसदन सभागार में श्रोता अभी झूम ही रहे थे कि राष्ट्रभक्ति के गीत- भारत के कर्णधार सुनो, न गंवाओ सेवा का अवसर पर सीटों से उछल पड़े।
इसके बाद कनिष्का ने पूरब-पश्चिम सभी दिशाओं के लोग जागो पर नृत्य से लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
नटराज कथक क्लासेज आगरा की रुचिता भटनागर के निर्देशन में बच्चों ने- श्री गुरु रवि उदयो उर मंडल, चेतन लाली जीवन भर दो और पुकारती हैं शहीदों की रूहें, भारत माता के वीरों पर आध्यात्म के साथ राष्ट्रभक्ति के गीतों पर लोगों का मन मोह लिया।
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