👉स्पाइसी शुगर संस्था द्वारा ड्रम कैफे की प्रस्तुति ने बांधा समां
आगरा, 26 मार्च। हर तरफ संगीत की गूंज। एक साथ संगीत के स्वरों को बिखरेते 200 ड्रम और संगत देती दर्शकों की तालियों व चुटकियों की धुन। ड्रम कैफे के डॉ. विनोद हसल (परफॉर्मर) संग जब स्पाइसी शुगर की सदस्याओं ने भी ड्रम पर अपने हुनर को आजमाया तो बेहद खुशनुमा और स्ट्रेसफ्री माहौल दिखाई दिया।
होटल जेपी पैलेस में रविवार को स्पाइसी शुगर संस्था द्वारा ड्रम कैफे (इंट्रेक्टिव ड्रमिंग सेशन) द्वारा संगीतमय प्रस्तुति का आयोजन किया गया। लगातार एक घंटे तक एक साथ बजते 200 ड्रम की धुन से तन मन में ऐसी तरंग उठने लगी कि जो जहां बैठा था वहीं पर ड्रम पर थाप लगाने के लिए मचल उठा। इसकी धुन में मगन स्पाइसी शुगर की सदस्याएं थिरकने लगीं। स्पाइसी सुगर के कार्यक्रम में ड्रम कैफे ने एक के बाद एक हिट गानों पर प्रस्तुति दी।
जयपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले डॉ. विनोद हसल ने माहौल ही ड्रम मय कर दिया। हर गाने पर सुर से लेकर साज भी ड्रम की धुन से आवाज के रूप में कानों तक पहुंचे। जिसने भी ड्रमों की जुगलबंदी सुनी, वह खुद को थिरकने से नहीं रोक सका। लगभग एक घंटे के इस कार्यक्रम के बाद हर सदस्या के चेहरे पर अलग चमक और खुशी थी।
अतिथियों का स्वागत स्पाइसी शुगर की अध्यक्ष पूनम सचदेवा ने किया। इस अवसर पर स्पाइसी शुगर द्वारा वर्ष भर की गतिविधियों व कार्यक्रमों पर विजुअल के माध्यम के प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. रंजना बंसल, पूरन डावर, हरविजय बाहिया, पूनम सचदेवा, चांदनी ग्रोवर, पावनी सचदेवा, शिखा जैन, मधु डावर, गरिमा हेमदेव, राजेश हेमदेव, कुनाल ग्रोवर, मीनल पारसवानी, पुष्पा पोपटानी, महेन्द्र, रेशमा, कपिल, आशु संजीव, राजश्री मिश्रा, रीता जग्गी, सलोनी चुग, शशि बंसल, पूजा कोचर आदि उपस्थित थे।
ड्रम कैफे के डॉ. विनोद हसल (एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा प्रवासी भारत festival में 2003 में हिन्द रत्न अवार्ड से सम्मानित) ने बताया कि संगीत वो है जो सबको एक प्लेटफार्म पर बिना किसी भेदभाव के लाकर खड़ा कर देता है। इसलिए तनाव और परेशानी के बजाय यहां सिर्फ खुशी होती है। ड्रम कैफे दुनिया की नंबर एक ड्रमिंग कंपनी है जो लगातार बदलाव कर रही है, 27 देशों में 30 हजार से ज्यादा इवेंट में प्रस्तुति दे चुके हैं।



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