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काव्य पाठ करते कवि कुमार ललित। |
👉आठ दिवसीय दिव्य धार्मिक आयोजन के समापन पर ख्याति प्राप्त कवियों ने झकझोरे चेतना के तार
न्यूज स्ट्रोक
वृंदावन, 19 अगस्त । विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा चैतन्य विहार मैदान में आयोजित आठ दिवसीय दिव्य धार्मिक आयोजन के समापन पर जहां ख्याति प्राप्त कवियों ने चेतना के तार झंकृत किए, वहीं ब्रज की सुप्रसिद्ध संस्था बांसुरी द्वारा प्रस्तुत झूलन महोत्सव और फूलों की होली ने ऐसी रसधार बहाई कि 20 राज्यों से आए हुए सैकड़ों श्रद्धालु भावविभोर हो गए।
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झूलन महोत्सव में फूलों की होली प्रस्तुत करते बांसुरी संस्था के कलाकार। युगल सरकार के स्वरूपों पर पुष्प वर्षा करते राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू। |
इससे पूर्व संत चिन्मयानंद बापू संग विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी व पार्षद मुरारीलाल गोयल ने दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया और कवियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए तुलसी का पौधा भेंट कर सम्मानित किया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश की जानी मानी कवयित्री अनामिका अंबर की इन पंक्तियों पर समूचा पंडाल तालियों से गूंज उठा- जो भूमि देवताओं की परम पावन विरासत है। जहां सत्यम, शिवम और सुंदरम हर क्षण महूरत है। धरम, सत्कर्म, संस्कृति, सभ्यता, कर्तव्य का मंदिर। हमें है गर्व जिस पर वो हमारा देश भारत है.. सुप्रसिद्ध कवि जानी बैरागी की हास्य-व्यंग्य से ओत प्रोत टिप्पणियों, क्षणिकाओं और भाव-भंगिमाओं ने सबको लोटपोट कर दिया। आगरा के कवि कुमार ललित की इन पंक्तियों को भी सबका आशीर्वाद मिला- रूप चिलमन से अलग मत करना। प्यार धड़कन से अलग मत करना। घर में मंदिर की जगह पर रखना। मां को आंगन से अलग मत करना।
ओज के सशक्त हस्ताक्षर मनवीर मधुर की इन पंक्तियों पर सब वाह वाह कर उठे, राम कृपा यदि हो जाए तो हृदय पुष्प खिल जाता है। संचालन सौरभ जैन सुमन ने किया। कवि सम्मेलन के बाद विनय गोस्वामी के निर्देशन में बांसुरी संस्था के कलाकारों ने बागों में झूला झूलें रे बांके बिहारी और आज बिरज में होरी रे रसिया" जैसे गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा समां बांध दिया। आरंभिक सत्र का संचालन ट्रस्टी मयंक वैद्य ने किया। इस दौरान सुधांशु द्विवेदी, श्रेतिमा द्विवेदी, अंबरीश शर्मा (गुड्डू भैया), राजवीर सिंह, महेश यादव, अनुराग यादव, ओपी भाई और नवल यादव प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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