ईद-उल-मिलादुन्नबी के जुलूस पर पाबंदी को लेकर समाजसेवी ने जताई आपत्ति

मुस्लिम समाज के प्रति भेदभाव

पूर्ण रवैया अपना रहा प्रशासन  

आगरा। ईद-उल-मिलादुन्नबी के जुलूस पर प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाने से मुस्लिम समाज मे आक्रोश व्याप्त है। समाज के लोगों का मानना है कि प्रशासन का रवैया निष्पक्ष नहीं है।

 मुईन बाबूजी
सिटीजन क्रिकेट क्लब के सेकेट्री और शहर के वरिष्ठ समाजसेवी मुईन बाबूजी ने इस पर आपत्ति जताई है। बाबूजी ने अपने एक बयान में कहा है कि प्रशासन मुस्लिम समाज के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। प्रशासन को कोविड नियमों का पालन करा मुस्लिम समाज को जुलूस निकालने की इजाजत दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईद-उल-मिलादुन्नबी मुस्लिमों का एक बड़ा त्योहार है। इसके आलावा भारतीय संविधान में सभी जाति, धर्म के नागरिकों को अपनी परंपराओं और त्योहारों को मनाने का अधिकार है।
प्रशासन द्वारा धारा 144 तथा कोविड का हवाला देकर सिर्फ मुस्लिम समाज के साथ ही नियमों को थोपने का काम किया जा रहा है। भाजपा के मंत्रियों का जब स्वागत होता है तो उस समय हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी प्रशासन को नियमों के अनुरूप लगती है। उस समय सभी नियमों के प्रति पुलिस, प्रशासन मूकदर्शक बन जाती है। मुईन बाबूजी ने सवाल उठाया कि उस समय ये नियम कहां चले जाते है?

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