बोर्ड परीक्षा ऑनलाइन नहीं, ऑफलाइन होंगी, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की



कोर्ट ने याचिकाकर्ता को

कड़ी फटकार भी लगाई 

न्यूज़ स्ट्रोक
नई दिल्ली, 23 फरवरी। सुप्रीम कोर्ट ने CBSE, ICSE और राज्य बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को ऑनलाइन कराने से इनकार कर दिया है। आज बुधवार को हुई सुनवाई में ऑफलाइन परीक्षाएं रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी परीक्षाओं को लेकर आगे बढ़ें। कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में दखल नहीं देगा।
आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं परीक्षार्थियों को भ्रमित करती है। पिछली बार का फैसला आदर्श नहीं बन सकता। कोर्ट ने कहा, 'ऐसी याचिकाएं छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं और कंफ्यूजन पैदा करती हैं, वे ऐसी याचिकाओं से गुमराह होंगे। आपकी याचिका पर विचार करने का मतलब है कि और ज्यादा कन्फ्यूजन पैदा करना है।' इसलिए आगे से ऐसी याचिकाएं बिल्कुल न लगाएं।
 गौरतलब है कि इस याचिका को अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने लगाया है और दलील दी है कि कोरोना महामारी के चलते शारीरिक कक्षाएं नहीं हुई हैं, इसलिए बोर्ड की परीक्षा ऑनलाइन होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने सभी बोर्डों को समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने के निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा का ऑप्शन देने की भी मांग की है।
आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय बोर्ड जैसे CBSE, CISCE, NIOS सहित कई राज्यों के परीक्षा बोर्ड की कक्षा 10 और कक्षा 12 की वर्ष 2021-22 की बोर्ड परीक्षाओं के परंपरागत ऑफलाइन आयोजन पर रोक लगाए जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर 23 फरवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने के आदेश दिए गए थे।
वहीं चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ द्वारा इस चायिका पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अगुवाई वाली खण्डपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत किए जाने का आदेश 21 फरवरी 2022 को दिया गया था। आदेश 21 फरवरी 2022 को दिए गए थे।

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