👉दर्जनों फिल्म और सीरियल में काम कर चुके आगरा के सत्यव्रत मुद्गल से आज 'न्यूज़ स्ट्रोक' की खास बातचीत
मुकेश उपाध्याय
इस वक्त सब टीवी पर चल रहे सीरियल 'वागले की दुनिया- नई पीढ़ी नए किस्से' ने आज हर घर में अपनी पहचान बना ली है। इस सीरियल का हर किरदार अपने आप में अनूठा है। अंजन श्रीवास्तव, भारती अचरेकर, सुमित राघवन, परिवा प्रणति, दीपक पारेख, भक्ति चौहान, चिन्मयी सालवी, अमित सोनी और सत्यव्रत मुद्गगल जैसे मंझे हुए लोकप्रिय कलाकारों ने दर्शकों के दिलों पर अपनी खास छाप छोड़ी है। इस सीरियल से आगरा का एक बड़ा कनेक्शन है। आगरा के छिली ईंट घटिया निवासी सत्यव्रत मुद्गल इसमें वॉचमैन तिवारी की भूमिका अदा कर रहे हैं। आज शुक्रवार 25 फरवरी को उन्होंने मोबाइल पर आपके सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल 'न्यूज़ स्ट्रोक' से विशेष बातचीत की।
वागले की दुनिया के सेट पर मौजूद सत्यव्रत मुदगल ने कहा कि मैं काफी खुश हूं और मुझे इस बात की भी काफी संतुष्टि है कि दर्शकों को ये सीरियल काफी पसंद आ रहा है। इसमें एक आम सोच और उसके प्रभाव उभरकर सामने आते हैं, जिन्हें हम अपनी रोजाना की जिन्दगी में अपनाने की कोशिश करते हैं। यह पूरी तरह से फैमिली बेस्ड सीरियल है। इसे आप पूरे परिवार के साथ हंसी-खुशी देख सकते हैं। हर टेंशन का इसमें प्यारा सा सलूशन होता है। आज जहां वातावरण दूषित हो रहा है, वहां सीरियल ताजा हवा के झोंके की तरह है।
वागले की दुनिया के सेट पर मौजूद सत्यव्रत मुदगल ने कहा कि मैं काफी खुश हूं और मुझे इस बात की भी काफी संतुष्टि है कि दर्शकों को ये सीरियल काफी पसंद आ रहा है। इसमें एक आम सोच और उसके प्रभाव उभरकर सामने आते हैं, जिन्हें हम अपनी रोजाना की जिन्दगी में अपनाने की कोशिश करते हैं। यह पूरी तरह से फैमिली बेस्ड सीरियल है। इसे आप पूरे परिवार के साथ हंसी-खुशी देख सकते हैं। हर टेंशन का इसमें प्यारा सा सलूशन होता है। आज जहां वातावरण दूषित हो रहा है, वहां सीरियल ताजा हवा के झोंके की तरह है।
आगरा में ही सीखा एक्टिंग का हुनर
सत्यव्रत मुदगल ने बताया कि वह 1999 में मुंबई आए। इससे पहले वह 1986 में दयाल कला मंच से जुड़े। सत्यव्रत ने बताया कि दयाल प्यारी उनकी पहली गुरु थीं, जिन्होंने उन्हें थिएटर तक पहुंचाया और उन्हें अभिनय के गुर सिखाए। उनसे जो कुछ सीखा वह आज तक चल रहा है। इसके बाद जितेंद्र रघुवंशी, विनय पतसरिया, विश्व निधि मिश्रा और उमेश जी के साथ काम किया। हम ललित कला मंच से भी जुड़े।
दर्जनों सीरियल कर चुके
सत्यव्रत इससे पहले 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा', 'लापतागंज', 'चिड़ियाघर', 'बालवीर', 'बड़ी दूर से आए हैं..', 'हर शाख पे उल्लू बैठा है', 'नीली छतरी वाले', ज़ी टीवी के सीरियल 'तुझसे है राब्ता, जैसे फेमस सीरियल कर चुके हैं। जॉनी लीवर के साथ पार्टनर्स भी उनका काफी हिट रहा
फिल्मों का सफर
सत्यव्रत मुद्गल सबसे पहले अभिषेक बच्चन के साथ 'तेरा जादू चल गया' फिल्म की। गदर फिल्म बनाने वाले अनिल शर्मा की सनी देओल की मुख्य भूमिका वाली 'सिंह साब दि ग्रेट' फिल्म कर चुके हैं। इसमें उन्होंने गांव के किसान की भूमिका की थी। इसके अलावा वर्ष 2008 में ऑस्कर पुरस्कार विजेता फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में भी सत्यव्रत ने अहम भूमिका निभाई। इससे उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली।
इकराम अख्तर का मिला साथ
मुंबई आने के बाद सत्यव्रत प्रसिद्ध पटकथा लेखक इकराम अख्तर के साथ लेखन में जुड़े। फिल्म प्यासा, रफूचक्कर, जोरू का गुलाम और तेरा जादू चल गया आदि फिल्मों के लेखन से जुड़े।
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