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यह बात वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्यों में एक चेन्नई से आए डॉ. शेखर ने अपने लेक्चर में बताई। होटल ताज कन्वेन्शन में आयोजित द वस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया की 29वीं राष्ट्रीय कार्यशाला में आज 60 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए व वैरिकोज वेन्स, डायलिसिस के मरीजों के लिए बनाया जाने वाले एवी फिस्टुला, एरोटिक एनेयुरिज्म, डीप वेन थ्रोमबोसिस, डायबिटिक फुट अल्सर जैसे विषयों पर लेक्चर हुए।
डॉ. शेखर ने कहा कि डायबिटीज रोगियों को अपनी कोलेस्ट्रोल और बीपी ठीक रखने के साथ किसी भी रूप में तम्बाकू के सेवन से बचना चाहिए। डायबिटीज के साथ तम्बाकू का सेवन समस्या को खतरनाक स्तिति में पहुंचा सकता है। समस्या का प्रारम्भिक स्तिति में पता चल जाए तो एंटी कोलेस्ट्रोल व न्य दवाओं से बीमारी को ठीक किया जा सकता है। अन्यता रुकावट वाले स्थान पर सर्जरी या स्टन्ट डालने की नौबत आ सकती है।
एम्स में भी नहीं वैस्कुलर सर्जरी की सुविधाः डॉ. तपिश
आगरा। आयोजन समिति के सचिव तपिश साहू ने बताया कि वैस्कुलर सर्जन की कमी के कारण एम्स में भी वैस्कुलर सर्जरी की सुविधा नहीं है। भारत की आबादी को देखते हुए 2-3 लाख वैस्कुलर सर्जन की जरूरत है, लेकिन देश भर में सिर्फ 750 वैस्कुलर सर्जन है।
कारगिल युद्ध के दौरान किया था 1600 जवानों का इलाजः डॉ. कुमुद राय
आगरा। आर्मी के जवानों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के बाद अब दिल्ली में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे वैस्कुलर सर्जन डॉ. कुमुद राय ने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने 1600 जवानों का इलाज किया। जिसमें 34 जवानों की वैस्कुलर सर्जनी करनी पड़ी थी। सिर्फ एक जवान का पेर काटने के अलावा सभी 33 जवानों को ठीक किया गया। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक होने के बाद का एक घंटा, ब्रेन स्ट्रोक के बाद 3 घंटा और पैर में अटैक होने के बाद के 6 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
13 सर्जन से शुरु हुई सोसायटी आज वटवृक्ष बनीः डॉ. अभिजात सेठ
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