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समारोह का पोस्टर जारी करते एडवोकेट सुभाष चंद्र अग्रवाल, नीतेश अग्रवाल, धन कुमार जैन, डॉ. पंकज भाटिया, प्रो. लवकुश मिश्रा, ओम स्वरूप गर्ग एवं अन्य। |
👉 राजपूताना गौरव और वैदिक संस्कृति को आज भी जी रहे लिथुआनियां वासी
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 09 फरवरी। बाल्टिक देशों में से एक प्रमुख राष्ट्र लिथुआनिया के लोग आज भी भारत के राजपूताना गौरव और वैदिक संस्कृति को जी रहे हैं। वे आज भी धर्म, संस्कृति और आस्थाओं के प्रति सजग हैं। उनकी भाषा भी मूलत: संस्कृत प्रधान है।
इस तथ्य को दृष्टिगत रखकर कला एवं साहित्य को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती ने समान धर्म देश के साथ स्नेह-संबंध जोडऩे की एक अनूठी सांस्कृतिक पहल की है। इस पहल के अंतर्गत लिथुआनियन सांस्कृतिक दल कुलग्रिन्डा भारत में 12 फरवरी, रविवार को आ रहा है। यह दल बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन में रविवार को दोपहर 2:30 बजे से आयोजित सांस्कृतिक संगीत समारोह में लिथुआनियन संस्कृति की इंद्रधनुषी छटा बिखेरेगा। भारतीय संगीत की अमृतधारा भी प्रवाहित होगी। डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशू रानी मुख्य अतिथि होंगी। गुरुवार शाम संस्कृति भवन में ही आयोजक संस्कार भारती आगरा पश्चिम के साथ प्रायोजक संस्कार भारती आगरा महानगर ब्रज प्रांत, सह प्रायोजक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम और इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज के साथ-साथ संस्कार भारती की विभिन्न शाखाओं के प्रतिनिधियों ने समारोह का पोस्टर जारी किया।
पोस्टर विमोचन के दौरान आगरा विश्वविद्यालय के डीन प्रबंधन संकाय प्रो. लवकुश मिश्रा, नीतेश अग्रवाल, धन कुमार जैन, प्रांतीय संयोजक योगेश अग्रवाल, एडवोकेट सुभाष चंद्र अग्रवाल, कार्यक्रम समन्वयक आलोक आर्य, सह समन्वयक एडवोकेट अमित जैन, संयोजक ओम स्वरूप गर्ग, सह संयोजक राजीव सिंघल, आशीष अग्रवाल, डॉ. मनोज पचौरी, राम कुमार अग्रवाल, यतेंद्र सोलंकी, डॉ. पंकज भाटिया आदि मौजूद रहे।
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