वर्ल्डकॉन -2023 : महिला मरीजों का इलाज कॉकटेल थैरेपी से

-समापन पर एसआर हॉस्पिटल, नामनेर में 15 जटिल बीमारियों की लाइव सर्जरी की गयी 

- एसएन मेडिकल कालेज की डॉ. सिमरन मदान बेस्ट सर्जन घोषित 

न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 26 फरवरी। फिशर, पाइल्स, फिस्टुला, कोलन कैंसर की समस्याएं तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में जरूरत है कि नई तकनीकी से सर्जन को ट्रेंड किया जाए। आईएससीपी ने तीन वर्ष में 20 हजार सर्जन को सर्जरी की नई तकनीकी से ट्रेंड करने का निर्णय लिया है। रविवार को एसआर हास्पिटल, नामनेर में इंटरनेशनल कांफ्रेंस आफ कोलो प्रोक्टोकालॉजी वर्ल्डकॉन 2023 के तहत 15 जटिल बीमारियों के ऑपरेशन किए गए। वहीं कलाकृति में महिलाओं से सम्बंधित स्वास्थ समस्याओं पर चर्चा पर नई तकनीकों पर व्याख्यान हुए। समापन पर आयोजन समिति के सदस्यों को सम्मानित किया गया।
कॉकटेल थैरेपी से महिला मरीजों का इलाज 
महिलाओं की योनि से संबंधित बीमारियों का इलाज अब काकटेल थैरेपी से किया जा रहा है। इसमें सर्जरी करने की जरूरत नहीं होती है। स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. निधि बंसल, डॉ. अनुश्री रावत ने बताया कि कुछ व्यायाम बताए जाते हैं, पौष्टिक आहार और वैजाइनल लेजर विधि का इस्तेमाल किया जाता है। महिलाएं जागरूक नहीं हैं। वे अपनी बीमारी नहीं बताती हैं इसलिए समस्या बढ़ रही है। डॉ. सुधा बंसल, डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ. अमित टंडन ने महिलाओं से जुड़ी बीमारी और इलाज पर चर्चा की।


आइएससीपी के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत रहाटे ने कहा कि पाइल्स, फिशर, फिस्टुला की लेजर विधि, एमआइपीएच स्टेप्लर विधि, चिवटे प्रोसीजिर, सिग्मोइडोस्कापी, एंडोसूचरिंग विधि से दर्द रहित सर्जरी संभव है। 24 से 48 घंटे में मरीज काम पर लौट जाता है। सर्जरी का खर्चा भी कम है। मगर हमारे देश में इस नई तकनीकी से सर्जरी करने वाले 20 प्रतिशत सर्जन है। नई तकनीकि से ट्रेंड 80 फीसदी सर्जनों की कमी है। आने वाले तीन वर्षों में 20 हजार सर्जन को नई तकनीकी के लिए ट्रेंड किया जाएगा। इसके लिए फेलोशिप कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।


वहीं अंतिम दिन कार्यशाला में एसआर हास्पिटल नामनेर में 15 लाइव सर्जरी की गईं, लेजर सहित अत्याधुनिक विधि से की गई सर्जरी के बारे में सर्जन को प्रशिक्षण दिया गया। समापन समारोह में बेस्ट सर्जन एसएन मेडिकल कालेज की डाक्टर सिमरन मदान, और एक्सीलेंस अवार्ड से डा. शिवम शर्मा को सम्मानित किया गया। आयोजन समिति के सचिव डॉ. अंकुर बंसल, डॉ. अनुभव गोयल, डॉ. हिमांशु यादव, डॉ. करन रावत, डॉ. भुवनेश शर्मा, डा. जगत पाल सिंह आदि मौजूद रहे।


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