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आगरा, 21 मार्च। नव संवत्सर 2080 के उपलक्ष्य में संस्कार भारती विजयनगर द्वारा मंगलवार शाम स्वर्णकार भवन में सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हरीहर बाबा (कोटा) के निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राजस्थानी कलाकारों ने मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सुप्रसिद्ध कवि कमलेश मौर्य मृदु के संयोजन-संचालन में विकास बौखल, डॉ. अशोक अग्निपथी, अनामिका वर्मा, दीप्ति दीप, शिखा सिंह ऊर्जिता और प्रमोद पंकज सहित ख्याति प्राप्त कवियों ने विभिन्न रस की कविताओं से सबको भावविभोर कर दिया।
इससे पूर्व समारोह के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी एवं उद्यमी मुरारी लाल गोयल पेंट वाले, मुख्य वक्ता संस्कार भारती के अखिल भारतीय संरक्षक बांकेलाल गौड़, विशिष्ट अतिथि विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
इस मौके पर मुख्य वक्ता बांकेलाल गौड़ और समारोह के अध्यक्ष मुरारी लाल गोयल पेंट वालों ने सभी को नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं। संस्कार भारती विजयनगर शाखा के अध्यक्ष दीपक गोयल, महामंत्री नीतेश अग्रवाल सर्राफ, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता, संयोजक अजय तोषनीवाल, प्रांतीय संरक्षक आलोक आर्य, पूर्व अखिल भारतीय साहित्य संयोजक राज बहादुर सिंह राज, उमेश चंद्र गुप्ता, महेश चंद्र शर्मा और छोटे लाल बंसल ने अतिथियों का स्वागत किया।
ममता गोयल, चंचल अग्रवाल, सुमन गोयल, धर्मेंद्र गर्ग, सुनील शर्मा, श्यामसुंदर माहेश्वरी, डॉ. शेखर दीक्षित, निखिल अग्रवाल, सीए विवेक अग्रवाल, रवि अग्रवाल, संजीव कुमार गुप्ता, सर्वेश बाजपेई, अनिल मित्तल, अशोक अग्रवाल, पंकज गुप्ता, अशोक गुप्ता आदि ने व्यवस्थाएं संभालीं।
ख्याति प्राप्त कवि कमलेश मौर्य मृदु ने नव संवत्सर की शुभकामनाएं इस तरह दीं- नववर्ष मे हर्ष मिले सबको मृदु और राष्ट्र को कीर्ति अपार मिले
कु. अनामिका वर्मा ज्योत्सना के इस अंदाज को सबकी तालियां मिलीं- " जडें विष बेल हिंसा नफरतों की काटती हूूं मैं। विषमता, द्वेष, ईर्ष्या, खाइयों को पाटती हूं मैं। शिखा सिंह ऊर्जिता की इन पंक्तियों को खूब वाहवाही मिली-सच को केवल सच लिखेंगे झूठों का प्रतिकार लिखेंगे। धर्म कलंकित करने वालों को हम तो धिक्कार लिखेंगे। विकास बौखल ने प्रेम और भाईचारे का संदेश कुछ इस तरह दिया-किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए। सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए। इसके अलावा दीप्ति दीप,अशोक अग्निपथी, प्रमोद पंकज ने भी अपनी रचानाएं प्रस्तुत कीं।


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