👉डिपंल यादव की टीम में सात वर्षों से कर रहीं काम
लखनऊ/आगरा, 16 अप्रैल (न्यूज़ स्ट्रोक )। भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां जहां आगरा में अपना मेयर प्रत्याशी नहीं तलाश कर पाई हैं वहीं समाजवादी पार्टी ने कुछ ही घंटों में अपने प्रत्याशी को बदल कर दूसरा घोषित कर दिया। समाजवादी पार्टी ने आगरा में मेयर पद के प्रत्याशी का चेहरा पांच घंटे में टिकट बदल दिया। पहले ललिता जाटव को प्रत्याशी घोषित किया गया था लेकिन अब जूही प्रकाश को मेयर प्रत्याशी घोषित किया गया। यानी अब एक युवा चेहरे पर दांव लगाया जा रहा है।
शनिवार शाम पांच बजे जारी सूची में ललिता जाटव को प्रत्याशी बनाया, फिर रात 10 बजे शाहगंज निवासी युवा नेत्री जूही प्रकाश को मेयर का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। जूही ने तीन दिन पहले नामांकन पत्र खरीदा था।
समाजवादी पार्टी की डॉ. बीआर आंबेडकर वाहिनी की पूर्व राष्ट्रीय सचिव 31 वर्षीय जूही प्रकाश 2016 से पार्टी में सक्रिय हैं। 2017 में घास की मंडी वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ चुकी हैं। एमबीए पास जूही के माता और पिता का निधन हो चुका है। वह अपने बड़े भाई के साथ संयुक्त परिवार में रहती हैं।
सपा ने शनिवार शाम पांच बजे छह नगर निगमों में मेयर प्रत्याशी घोषित किए थे। पहले सूची में अलबतिया निवासी ललिता जाटव का नाम था। प्रत्याशी घोषित होते ही बदलने की अटकलें शुरू हो गई। रात 10 बजे तक सपा जिलाध्यक्ष लखनऊ पार्टी मुख्यालय पर डेरा जमाए रहे। सपा जिलाध्यक्ष आजाद सिंह ने बताया कि ललिता का टिकट बदलकर जूही प्रकाश जाटव को पार्टी ने नया प्रत्याशी घोषित किया है। जूही प्रकाश ने बताया कि वह डिपंल यादव की टीम में पिछले सात वर्षों से काम कर रही हैं।
पार्टी ही मेरा परिवार- जूही
जूही प्रकाश जाटव का कहना है कि मेरे माता और पिता दोनों नहीं हैं। बड़े भाई सौरभ प्रकाश के साथ संयुक्त परिवार में रहती हूं। पार्टी ही मेरा परिवार है। पार्टी ने मुझ पर जो विश्वास जताया है मैं उस पर खरी उतरूंगी। आंबेडकर वाहिनी में रहते हुए लंबे समय से अनुसूचित वर्ग के हक और हकूक की लड़ाई लड़ रही हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझे टिकट देकर एक युवा को मौका दिया है। युवा मतदाता मेरी प्राथमिकता है।
नोटबंदी से जूही चर्चाओं में आई
2016 में नोटबंदी से जूही चर्चाओं में आई थीं। उन्हें पिता के इलाज के लिए बैंक की लाइन में लगना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एक ट्वीट किया था। जो वायरल हो गया। ट्वीट वायरल होने के बाद जूही के पिता का अखिलेश यादव ने इलाज कराया था। हालांकि चार साल बाद जूही के पिता की कैंसर से मृत्यु हो गई। 2013 में जूही की मां का निधन हुआ था।
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