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सर्वे :यूपी में जीतेंगे योगी लेकिन अखिलेश लगाएंगे लंबी छलांग

 

- एक प्रमुख सर्वे में मायावती सत्ता की रेस में नहीं
- कांग्रेस की स्थिति में बदलाव की कोई उम्मीद नहीं


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ अभी भी मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की सबसे बड़ी पसंद बने हुए हैं। योगी के कामकाज के चलते ही भाजपा दूसरी पार्टियों पर अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। ऐसे में विभिन्न सर्वे में भाजपा गठबंधन सत्ता में वापसी करता दिख रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन 229 सीटें जीत सकता है।
एबीपी-सीवोटर बैटल फॉर स्टेट्स में सामने आए निष्कर्षों से यह संभावना बनती दिख रही है। इस सर्वे की खास बात यह है कि भाजपा साधारण बहुमत की ओर जाती दिख रही है। यानी भाजपा की सीटें 2017 के मुकाबले करीब 100 सीट कम हो सकती हैं। अगर सर्वे के मुताबिक भाजपा 229 सीटें जीतती है तो यह पिछली बार के मुकाबले 96 सीटें कम हैं।
 अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के गठबंधन को करीब 150 से 155 सीटें मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2017 से इसकी तुलना करें तो यह बढ़त सौ से ज्यादा सीटें की मिल रही है। यानी अखिलेश यादव छलांग तो लंबी लगाएंगे लेकिन वह सत्ता की दहलीज पार करने में संभव नहीं दिख रहे। हालांकि यह सब अनुमान है क्योंकि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों से आने वाले 61,802 लोग इस सर्वे में शामिल हुए। यह संख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के मुकाबले बहुत कम है।
नवीनतम ऑपिनियन पोल के अनुसार, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाला समाजवादी पार्टी गठबंधन 2017 के चुनावों में वास्तविक 23.6 प्रतिशत वोट शेयर से अनुमानित 33.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ उल्लेखनीय सुधार कर सकता है। हालांकि पार्टी 35 प्रतिशत के आंकड़े को पार करती नहीं दिखाई दे रही है, जो कि भाजपा को नीचे लाने के लिए महत्वपूर्ण है।

 भाजपा के ज्यादातर विधायकों से खुश नहीं लोग
 
 उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधायकों के खिलाफ अधिकतम सत्ता विरोधी लहर काम कर रही है। फिलहाल जो खबरें चल रही है उनके मुताबिक भी भाजपा अपने वर्तमान विधायकों में काफी बड़े स्तर पर फेरबदल कर सकती है। कुल मिलाकर  भाजपा को मोदी और योगी के ' योग से सत्ता का योग मिलने की उम्मीद की जा सकती है…'
मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 43 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री के रूप में पसंद करते हैं, जबकि अखिलेश यादव को 34 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 14 प्रतिशत के साथ काफी पीछे हैं, जबकि तीन प्रतिशत लोग प्रियंका गांधी के नाम को सुझा रहे हैं।

 टक्कर अखिलेश और योगी के बीच ही

मायावती और बसपा का इस दौड़ में बड़े दावेदार के तौर पर न होना उनके समर्थकों के लिए चौंकाने वाला है। बसपा का वोट शेयर 2017 में 22.2 प्रतिशत से गिरकर 2022 के चुनावों में अनुमानित 12.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगर ये अनुमान काफी हद तक खरे उतरते हैं तो उत्तर प्रदेश में बसपा एक बड़ी गिरावट की ओर अग्रसर पार्टी कही जा सकती है।
सर्वे के नतीजों को देखा जाए तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच की रेस बन गया है। हालांकि पहले के नतीजों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश एक करीबी मुकाबले की ओर अग्रसर होता दिख रहा था। एक समय था जब दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर केवल 6 फीसदी तक गिर गया था, लेकिन लगता है कि अखिलेश के पक्ष में माहौल उस स्तर तक बनने में सफल नहीं हो पाया।
पूर्वांचल में, जहां भाजपा पहले से कुछ कमजोर दिख रही थी और लग रहा था कि सपा गठबंधन ने काफी पैठ बना ली है, शायद बीजेपी को उखाड़ फेंकने के लिए काफी नहीं है। ताजा अनुमानों के मुताबिक बीजेपी को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि सपा गठबंधन को 35 फीसदी से थोड़ा ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद है। अवध क्षेत्र में बीजेपी सपा गठबंधन से 10 फीसदी से ज्यादा आगे है।

 कांग्रेस की स्थिति में सुधार नहीं

कल्याणकारी योजनाओं के असंख्य वादों के साथ-साथ लड़की हूं, लड़ सकती हूं, जैसे अपने तेजतर्रार प्रयासों और कल्पनाशील नारों के बावजूद, प्रियंका गांधी राज्य में कांग्रेस के अंतिम पतन को रोकने में सक्षम नहीं लग रही हैं। कांग्रेस का वोट शेयर मामूली बढ़ने का अनुमान है, जबकि सीटों की संख्या 2017 में मिली सात से घटकर इस बार पांच हो सकती है। ( एबीपी, आईएएनएस की न्यूज़ से साभार  ) 


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