डॉ. ममता भारती के काव्य संग्रह 'सुन मेरे रहनुमा' का विमोचन, समीक्षकों ने की तारीफ



न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा,21 नवम्बर। साहित्य साधिका समिति एवं संस्थान संगम के संयुक्त तत्वावधान में निखिल पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित डॉ. ममता भारती की 51 कविताओं के प्रथम काव्य-संग्रह सुन मेरे रहनुमा का विमोचन मंगलवार को यूथ हॉस्टल में आगरा के गणमान्य साहित्यकारों द्वारा किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री की सुपुत्री डॉ. सलोनी बघेल ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप जलाकर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। साहित्य साधिका समिति की संस्थापक रमा वर्मा 'श्याम' ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि लेखिका ने अपनी छोटी सी काव्य-कृति में संसार का यहां-वहां बिखरा दर्द भर दिया है।
आरबीएस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुषमा सिंह ने कहा कि इस संग्रह के माध्यम से रचनाकार ने नारी अस्मिता की पताका फहराई है। वरिष्ठ समीक्षक डॉ. नीलम भटनागर ने कहा कि सुन मेरे रहनुमा की कविताओं में जिंदगी की धड़कन है, भावों का सैलाब है।
रचनाकार डॉ. ममता भारती ने अपनी माताजी सुशीला देवी और ईएमई 509 आर्मी बेस  वर्कशॉप से  रिटायर्ड पिताजी श्री चंद्र प्रकाश वरुण जी को  पुस्तक समर्पित किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि इन कविताओं में सत्य, निष्ठा, धर्म-कर्म और चिंतन-मनन के अतिरिक्त जीवन के यथार्थ को भी सहेजा गया है। विशिष्ट अतिथि रहे सुशील सरित, अशोक अश्क बीडी जैन कन्या महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शिखा श्रीधर, रचनाकार की बड़ी बहन अनीता भारती और भाई डॉ. सतेद्र वरुण ने भी उनकी रचना धर्मिता को सराहा।
समारोह का संचालन यशोधरा यादव यशो ने किया। कार्यक्रम-संयोजक वीरेंद्र सिंह ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शीलेंद्र कुमार वशिष्ठ, राज बहादुर सिंह राज, कमला सैनी, माला गुप्ता, रमा रश्मि, पूनम वार्ष्णेय, पूनम तिवारी, रेखा गौतम और परमानंद शर्मा सहित शहर के तमाम साहित्यकार शामिल रहे।

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1 Comments

  1. डॉ ममता भारती की कलम आज के युवाओं की आवाज है। वह बहुत अच्छा लिखती हैं। सुन मेरे रहनुमा के विमोचन पर मैं उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करती हूँ।

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