न्यूज़ स्ट्रोक (मुकेश उपाध्याय )
आगरा, 02 अप्रैल। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने लोकसभा चुनाव से पहले ही जिला व शहर कांग्रेस संगठन में फेरबदल कर दिया है। इस फेरबदल से आगरा भी अछूता नहीं रहा है। जिला व शहर अध्यक्ष दोनों बदले गए हैं। जिले की जिम्मेदारी अरुण शर्मा तो शहर कांग्रेस की जिम्मेदारी अमित दिवाकर को दी गयी है। इससे पहले जिले की कमान राघवेंद्र सिंह मीनू और शहर अध्यक्ष की कमान देवेंद्र सिंह चिल्लू संभाले हुए थे।
कहा तो यह जा रहा है कि अजय राय ने संगठन को मजबूत करने के लिए अपनी नई कार्यकारिणी के साथ नए लोगों को जिम्मेदारी देने के लिए काफी मंथन किया। हालांकि सच बात तो यह है कि मंथन के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई लगती है। यह बात सही है कि देवेंद्र चिल्लू संगठन में उतने सक्रिय नहीं थे लेकिन राघवेंद्र सिंह मीनू कर्मठ और लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े होने के चलते ग्रामीण क्षेत्र में काफी सक्रिय थे। उन्हें ऐन लोकसभा चुनाव से पहले हटाना कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। जिले और शहर के कई कार्यकर्ताओं ने बातचीत के दौरान नाम न खोलने की शर्त पर कहा कि मीनू जी ने कार्यकर्ताओं को घरों से बाहर निकाला था लेकिन अब नये जिला अध्यक्ष के लिए यह काम आसान नहीं होगा।
दरअसल कांग्रेस के साथ पिछले काफी समय से यही बड़ी दिक्कत रही है कि उसके एक्शन का समय सही नहीं होता। संगठन में या तो पदाधिकारी थोपे जाते हैं या फिर जब उनको बदला जाता है तो वह समय सही नहीं होता।
राघवेंद्र सिंह मीनू को जिस समय अध्यक्ष बनाया गया था तब उनका विरोध जरूर हुआ था लेकिन फिर धीरे-धीरे उन्होंने काम किया और कार्यकर्ताओं का भरोसा जीता। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज की परिस्थितियों में कांग्रेस का जो भी जनधार है वह जिला यानी ग्रामीण स्तर पर ही है। महानगर में इस समय कांग्रेस बीते जमाने की पार्टी बनती जा रही है। कांग्रेस का वोटर गांव में ही बचा है। शहर में पुराने कांग्रेसी ही इसका झंडा बुलंद किए हुए हैं अन्यथा नई पीढ़ी के लोग कांग्रेस से दूर हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो शहर में कांग्रेसी हैं लेकिन वोटर नहीं। शहर में माईथान, फुलट्टी, बलकेश्वर, बेलनगंज के कुछ क्षेत्र या फिर पुराने शहर के मोहल्ले में ही कांग्रेसी चाय पर चर्चा करते वक्त या फिर शाम को छुट्टी के वक्त चौराहा और तिराहों पर कांग्रेस की उपस्थिति दर्ज कराते हुए दिखते हैं। इसके अलावा महानगर में उसका ज्यादा अस्तित्व बचा नहीं।
अजय राय ने जो फेरबदल आगरा के जिला स्तर पर किया है उसे गलत समय पर लिया गया फैसला कहा जा सकता है। खैर अजय राय की स्थिति ठीक भी है क्योंकि जब कांग्रेस की स्थिति आगरा में खराब होगी और वोट प्रतिशत घटेगा तो आसानी से हाई कमान को भेजने के लिए हार का कारण बता दिया जाएगा कि फेरबदल कामयाब नहीं रहा। नये अध्यक्ष को कार्यकर्ताओं ने सहयोग नहीं किया। उसके बाद फिर बदलाव कर दिया जाएगा। अनुशासनहीनता के नाम पर दो एक को पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। समीक्षा पूरी हो जाएगी। सही है प्रदेश अध्यक्ष के लिए काम आसान होने चाहिए।
हां अगर शहर में कांग्रेस के अध्यक्ष के बदलने की बात करें तो उससे कोई ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं। देवेंद्र सिंह चिल्लू यूं भी ज्यादा सक्रिय नहीं थे। अब नए अध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी में दो-चार नए नाम दिखेंगे और कुछ नहीं। बाकी सब ढाक के तीन पात होगा।
कौन है आगरा के जिला और शहर कांग्रेस के नए अध्यक्ष
आगरा शहर कांग्रेस की जिम्मेदारी अमित दिवाकर को दी गयी है। अमित दिवाकर छात्र नेता रहे हैं जिन्होंने एनएसयूआई को मजबूत करने का काम किया। उसके बाद मैन बॉडी में भी प्रदेश की जिम्मेदारी भी संभाली। पिछले कई बार से वो राजनीति में सक्रिय रहते हुए विधानसभा के लिए टिकट की भी मांग कर चुके हैं। जिले की कमान प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस अजय राय ने अरुण शर्मा को सौंपी है। अरुण राय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और वह जिले की राजनीति में सक्रिय रहे है।
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