भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर अवकाश तथा रुनकता को पर्यटन स्थल घोषित करने की सरकार से मांग


होटल पीएल पैलेस में आयोजित अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में ब्रज माधुर्य स्मारिका का विमोचन करते त्रिभुवन शर्मा, डॉ. मधु भारद्वाज, बीडी शर्मा, महेश चंद शर्मा एवं अन्य।

👉अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा एवं ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन के संयुक्त प्रांतीय सम्मेलन में जुटे प्रदेशभर से विप्र बंधु 

👉 सम्मेलन में कई प्रस्ताव पारित किए, ब्राह्मण युवाओं के लिए नौकरी न्याय और राजनीति में समान अवसर प्रदान करने की मांग

न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 02 अप्रैल। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा एवं ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन के संयुक्त बैनर तले महासभा का प्रांतीय सम्मेलन रविवार को होटल पीएल पैलेस में आयोजित किया गया। 
सम्मेलन में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद समेत विभिन्न जनपदों से आए महासभा के प्रमुख पदाधिकारियों ने समाज की एकजुटता प्रदर्शित करते हुए समाज हित में कई प्रस्ताव पारित किए। इनमें रुनकता को पर्यटन स्थल, भगवान परशुराम जन्मस्थली का नाम परशुराम पुरी रखकर उसे पर्यटन स्थल बनाना, भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर अवकाश, सवर्ण आयोग का गठन, ब्राह्मण युवाओं को शिक्षा, राजनीति, न्याय और नौकरी में समान अवसर तथा अक्षय तृतीया को भी अन्य धार्मिक पर्वों की तरह उत्सव रूप में मनाने के प्रस्ताव प्रमुख रहे।
इस बात पर जोर दिया गया कि आगामी 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम के जन्म उत्सव से पहले सभी विप्र बंधु अपने-अपने जनपदों में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर अवकाश घोषित करने के लिए ज्ञापन दें। सभी ने हुंकार भर कर सहमति जताई। 
समारोह में महासभा की प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) डॉ. मधु भारद्वाज द्वारा संपादित ब्रज माधुर्य स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि और महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. बीडी शर्मा, समारोह की अध्यक्षता कर रहे महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पं. त्रिभुवन शर्मा, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडेय और डॉ. वेदप्रकाश शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री शिवमोहन भारद्वाज, प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा, संरक्षक महेश शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) डॉ. मधु भारद्वाज ने संयुक्त रूप से मां शारदे और भगवान परशुराम की तस्वीरों पर माल्यार्पण और मंच के समक्ष दीप जलाकर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया। 
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रमोद हितेषी, प्रवक्ता विनीत कांत पाराशर, सचिव शिवकुमार शर्मा, प्रदेश संरक्षक श्रीमती शील मणि शर्मा, उपाध्यक्ष रविंद्र लाल तिवारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य द्वय शिवकुमार शर्मा, संरक्षक डॉ. राजकुमारी शर्मा, कौशल किशोर उपाध्याय और प्रदेश मंत्री श्रीधर पांडे भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रदेश अध्यक्ष पं. त्रिभुवन शर्मा ने कहा कि सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली सरकार को सवर्ण आयोग का गठन करना चाहिए अन्यथा मानवाधिकार आयोग छोड़कर सभी आयोगों को भंग कर देना चाहिए।
समारोह के मुख्य अतिथि और महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. बीडी शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण युवाओं को भी शिक्षा, राजनीति, न्याय और नौकरी में समान अवसर मिलना चाहिए।
शीलेंद्र शर्मा, हरीशंकर शुक्ला, ममता पचौरी, दुष्यंत सारस्वत, गजेंद्र पांडे, नीलम शर्मा, प्रतिमा भार्गव, श्रीमती अनुपम चतुर्वेदी, अशोक वाजपेई और अपूर्व शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। पंडित महेश शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इस दौरान भगवान परशुराम के जयकारों से सभागार रह-रहकर गूंजता रहा।
इनको किया गया सम्मानित
समारोह में समाज को जोड़ने वाले समन्वयकों के रूप में रामकिशन शर्मा, अनिल शर्मा, दीप्ति भार्गव, उमाशंकर मिश्र, आकांक्षा शर्मा और डॉ. पंकज नगायच का सम्मान राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. बीडी शर्मा द्वारा किया गया।

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