चीनी की जगह चाय में घोलते हैं मिठास की गोली तो संभल जाइए! हार्ट अटैक का खतरा



-ज्यादा समय तक इस्तेमाल से खून के थक्के बनने का खतरा 
-4000 लोगों पर रिसर्च में दावा, हार्ट अटैक का जोखिम है

नयी दिल्ली, 01 मार्च। जीरो कैलोरी  स्वीटनर्स (Sweetener) का सेवन करने से भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इन स्वीटनर्स में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसका खुलासा एक हालिया स्टडी में हुआ है।
बाजार में तमाम फूड्स और ड्रिंक्स में जीरो-कैलोरी और कम शुगर होने का दावा किया जाता है। लोग इन चीजों का खूब सेवन करते हैं और उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनकी हेल्थ पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। अगर आपसे कहा जाए कि ये चीजें भी आपके लिए जानलेवा हो सकती हैं, तो क्या आप यकीन कर पाएंगे? शायद नहीं, लेकिन यह खुलासा एक हालिया स्टडी में हुआ है. इसमें जो बातें सामने आई हैं, उन्हें जानकर आप पूरी तरह हैरान रह जाएंगे।
स्टडी का दावा है कि इस एरिथ्रिटोल स्वीटनर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका और यूरोप में 4000 लोगों पर यह रिसर्च किया गया है। इनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिन्हें पहले से हार्ट संबंधी बीमारियों को लेकर खतरा ज्यादा था।
शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा कि एरिथ्रिटोल नामक एक यौगिक, जिसे प्राकृतिक स्वीटनर (Sweetener) के रूप में वर्णित किया गया है और चीनी के लिए "संपूर्ण और स्वस्थ" विकल्प के रूप में प्रचारित किया जा सकता है, दिल के दौरे या स्ट्रोक के उच्च जोखिम से जुड़ा हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के रक्त में एरिथ्रिटोल का स्तर अधिक होता है, उनमें दिल का दौरा, स्ट्रोक या मृत्यु जैसी प्रमुख हृदय संबंधी घटना का अनुभव होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने इस स्वीटनर के शरीर में पहुंचने के बाद होने वाले असर का बारीकी से अध्ययन किया।
1990 के दशक के दौरान एरिथ्रिटोल के बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन ने स्वीटनर को एक प्रमुख चीनी विकल्प के रूप में उभरने में मदद की है, जिसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में जोड़ा जाता है और भारत सहित कई देशों में ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध है।
भारत में एरिथ्रिटोल पाउडर बेचने वाला एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इसे "चीनी और कृत्रिम मिठास के लिए सही और स्वस्थ विकल्प" के रूप में वर्णित करता है। हालांकि क्लीवलैंड क्लिनिक की नई स्टडी में आगाह किया गया है कि जो लोग कृत्रिम मिठास का उपयोग करते हैं उन्हें बड़ा जोखिम होता है। यह स्टडी 'नेचर मेडिसिन' में प्रकाशित हुई है। एरिथ्रिटोल एक ऐसा चर्चित कृत्रिम स्वीटनर (Sweetener) है जो भारत और पूरी दुनिया में उपलब्ध है।
मधुमेह या मोटापे से ग्रस्त लोगों को अक्सर एरिथ्रिटोल जैसे चीनी के विकल्प वाले उत्पादों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, जो चीनी के रूप में लगभग 70 प्रतिशत मीठा होता है और मकई को किण्वित करके बनाया जाता है। चिंता वाली बात यह है कि यह जोखिम थोड़ा बहुत नहीं, बल्कि कई गुना बढ़ जाता है।

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