👉श्रीमद्भागवत कथा में नन्दोत्सव में खूब लुटे उपहार और मेवा
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 28 जुलाई। नन्दोत्सव में श्रीकृष्ण के जन्म पर झूमते गाते भक्तजन। मेवा और उपहारों की बरसात करते नन्दबाबा और यशोदा मैया। श्रीकृष्ण के जन्म पर भक्तों के कहीं श्रद्धाभाव से खिले चेहरे तो कहीं भक्ति में बहती अश्रुधारा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में हर मन उत्साहित था। नन्द के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की... संगीतमय भजन पर हाथों को ऊपर उठाए एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। मानों योगेश्वर महादेव श्रीमाता महाकाली मंदिर जोगी मंदिर शाहगंज गोकुल धाम बन गया और हर श्रद्धालु गोप और गोपी।
श्रीमद्भागवत कथा में आज व्यासपीठ पर बैठकर पं. कोमल कृष्ण शास्त्री (वृन्दावन) ने श्रीमद्भागवत कथा में वामन अवतार कथा, सूर्यवंश कथा, चंद्रवंश कथा, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा व नन्दोत्सव का भक्तिमय वर्णन किया। वामन अवतार का वर्णन करते हुए कहा कि माता अदिति के गर्भ से जन्म लेने पर सभी देवी देवताओं ने उन्हें दिव्य उपहार प्रदान किए।
वामन रूप में श्रीहरि राजा बलि की सम्पत्ति नहीं बल्कि उसका अहंकार लेने पहुंचे थे। कहा कि जब भगवान किसी भक्त को अपनी शरण में लेते हैं तो सबसे पहले उसे मोह-माया से दूर कर नया (कोरा) बनाते हैं। गंगा मैया की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि 100 योजन दूर रहकर भी श्रीगंगे के उच्चारण मात्र से मनुष्य तर जाता है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आज कथा स्थल को फूलों व गुब्बारों से सजाया गया। अंत में आरती कर सभी भक्तजनों को प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से द्वारिका नाथ पुजारी परिक्षित के रूप में कलश यात्रा में शामिल हुए
इस अवसर पर मुख्य रूप से ब्रह्मचंद गोस्वामी, द्वारिका नाथ पुजारी जी, वृन्दा गोस्वामी, विष्णु, पवन, सतीश, प्रमोद, प्रेमलता, जया, स्वदेश, गौरव, तनु, तरुण गोस्वामी, पं. अंकुश शात्री मौजूद रहे।
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