अनुभव निधि आश्रम जीवित देवी देवताओं का मंदिर- विजय कौशल

-संत विजय कौशल जी महाराज ने हाथरस रोड पर उजरई में किया अनुभव निधि आश्रम का लोकार्पण

अनुभव निधि आश्रम का लोकार्पण करते और नीचे चित्र में मौजूद लोगों को ज्ञान और भक्ति का संदेश देते संत विजय कौशल महाराज।


न्यूज़ स्ट्रोक

आगरा, 20 फरवरी। यह शरीर और आत्मा का सर्विस स्टेशन है। यहां आत्मा की गाड़ी का कचरा साफ किया जाएगा। यहां नयी चेतना, नया संकल्प, नया प्रकाश, नयी दिनचर्या, नयी साधना, भगवत अनुभूति और आत्म साक्षात्कार के नए अनुभव होंगे। यह वृद्धाश्रम नहीं, अपितु जीवन भर के अनुभवों को साझा और संचित करने के साथ-साथ सेवा और साधना करने का केंद्र है।
ये विचार रेस्पेक्ट एज वेलफेयर सोसाइटी द्वारा हाथरस रोड पर उजरई में बनाए गए अनुभव निधि आश्रम के लोकार्पण समारोह में रविवार को मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं के समक्ष पूज्य राष्ट्रीय संत विजय कौशल जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अनुभव निधि आश्रम जीवित देवी-देवताओं का मंदिर है। उन्होंने समझाया कि बड़े-बुजुर्ग और माता-पिता हमारे तीर्थ की तरह हैं। जब बेटा माँ के पास बैठ जाता है और उनका हालचाल पूछता है तो फिर मां को किसी दवा की जरूरत नहीं रहती।
इससे पूर्व पूज्य संत विजय कौशल जी महाराज ने भगवान गणेश जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व समक्ष दीप जलाकर तथा 16 कमरों के सेवा भवन के प्रवेश द्वार पर नारियल फोड़कर व शुभ सतिया अपने हाथों से बनाकर आश्रम का विधिवत लोकार्पण किया।
संस्था के महासचिव सीए जीपी अग्रवाल ने उपस्थित शहर वासियों और श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप अनुभव निधि आश्रम में आकर अपने बच्चों का जन्मदिन मनाइए। केक काटने की जगह गौ माता की सेवा कीजिए। यकीन कीजिए कि बच्चे की अला बला गौमाता हर लेगी।
     
यह रहे प्रमुख रूप से शामिल
संस्था के अध्यक्ष चंद्रमोहन अग्रवाल, संयोजक मुरारी प्रसाद अग्रवाल, संजय बंसल, चंद्र मोहन अग्रवाल, सीए जीपी अग्रवाल, विनय सिंघल, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, सुरेश चंद्र अग्रवाल, प्रमोद कुमार सिंघल, ताराचंद मित्तल, सीए एसके अग्रवाल, संतोष गुप्ता, विनोद कुमार अग्रवाल, हरी शंकर अग्रवाल, संजीव जिंदल, संदीप अरोरा, आशीष अग्रवाल, उदित अग्रवाल, विजय अग्रवाल, रंगेश त्यागी, राधेश्याम अग्रवाल मलेशिया वाले, योगेंद्र कुमार सिंघल, राकेश अग्रवाल, अशोक गोयल, विजय खन्ना, राजवीर सिंह चंदेल, आशीष मित्तल आदि मौजूद रहे।

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