जिस घर में माता-पिता मुस्कुराएं, वहां भगवान भी मुस्कुराते हैं



न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 21 सितम्बर। श्राद्ध पक्ष के पावन पर्व पर ब्रज भूमि धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा सेक्टर सात के पार्क में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को सुदामा चरित्र, भगवान का गोलक गमन व राजा परिक्षित मोक्ष की कथा के साथ कथा को विश्राम दिया। अपने पितरों की तस्वीर लेकर कथा सुन रहे सभी श्रद्धालु गुरुवार को भंडारे के बाद 23 सितम्बर को राजघाट गंगा जी में अपने पितरों के फूल विसर्जित करने जाएंगे। 
कथा वाचक श्रद्धेय एक ब्रह्म राकेश जी ने सुदामा चरित्र की करुणामय कथा का वर्णन कहकर भक्तों के हृदय को भावुक कर दिया। श्रीकृष्ण के आठ विवाह और भौमासुर से मुक्त कराई गईं 16 हजार सौ कन्याओं से विवाह के प्रसंग के साथ बताया कि अष्ठधा प्रकृति ही परमात्मा की आठ पत्नियां हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा दरिद्र नहीं थे, धनहीन थे। क्योंकि धनहीन के पास सिर्फ धन नहीं होता, जबकि दरिद्र हमेशा असन्तुष्ट और तृष्णा से पूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि जिस घर में माता-पिता मुस्कुराएं, वहां भगवान भी मुस्कुराते हैं। जहां माता-पिता का अपमान हो वहां भगवान का वास कभी नहीं हो सकता। इसके बाद कथा के अंतिम दिन भगवान की गृहस्थी का वर्णन, यदुवंशियों को शाप, भगवान का गोलोक गमन, परिक्षित मोक्ष की कथा के साथ कथा को विश्राम दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य रूप से उपस्थिति राजा परीक्षित बने रवींद्र सिंह, कमलेश सुरेश कंसल (एडवोकेट) महामंत्री, सुरेश चंद गोयल व मंजु गोयल, नितिन गोयल, नमिता गोयल,राजन गोयल, रिष गोयल, अविका, आरव, अर्नव, गौरव तिवारी, सुमित जिंदल (मीडिया प्रभारी), प्रदीप तिवारी, रीना, कंचन, सुमन, नेहा, मोनिका, वर्षा, मोहिनी, काजल, आदि। आदि उपस्थित थे।

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