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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच कुल सात चरणों में होंगे। इसके बाद 10 मार्च को मतगणना होगी। चुनाव आयोग ने शनिवार को यह घोषणा की।
चुनावों में काफी नया देखने को मिलेगा। रैलियों को लेकर, उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर, तीन ऐप को लेकर, उम्मीदवारों द्वारा चुनावों में खर्च को लेकर इस बार काफी कुछ बदलाव हुआ है।
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Suvidha Candidate ऐप सक्रिय रहेगा। ये राजनीतिक दलों के लिए है। उन्हें किसी दफ्तर में जाकर रैली वगैरह के लिए इजाजत नहीं मांगनी होगी। वे इस एप के जरिए उपलब्धता देख सकेंगे।
Cvigil ऐप का इस्तेमाल आम जनता और मतदाता कर सकेंगे। किसी भी गड़बड़ी की फोटो खींचकर इस ऐप पर अपलोड की जा सकेगी। 100 मिनट के अंदर चुनाव आयोग की टीम वहां पहुंचकर जरूरी कदम उठाएगी
यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर उम्मीदवार 40 लाख रुपए ही खर्च कर पाएगा। वहीं मणिपुर और गोवा में उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपए तक ही सीमित रहेगी।
राजनीतिक दलों के लिए दिशा-निर्देश
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि राजनीतिक दलों के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकार्ड की घोषणा अनिवार्य रूप से करनी होगी। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर उम्मीदवार 40 लाख रुपए ही खर्च कर पाएगा। वहीं मणिपुर और गोवा में उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपए तक ही सीमित रहेगी।
15 जनवरी तक रोड शो, रैली,
जुलूस की इजाजत नहीं रहेगी
कोरोना की चुनौतियों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं 15 जनवरी तक कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित की जाएगी। बाद में डीटेल गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।
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