एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स
में जीते पदक, ओलंपियन रहे
न्यूज स्ट्रोक
नई दिल्ली 8 फरवरी। प्रसिद्ध सीरियल 'महाभारत' में 'भीम' की भूमिका निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का निधन हो गया है। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। प्रवीण कुमार ने 74 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। पंजाब से ताल्लुक रखने वाले प्रवीण ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी अदाकारी से फैंस का दिल जीत लिया था। बताया जा रहा है कि प्रवीण कुमार सोबती लंबे समय से बीमारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
प्रवीण कुमार एक खिलाड़ी भी थे। उनका कद और शारीरिक रचना इस तरह थी कि वह भीम के किरदार में पूरी तरह फिट बैठ गए थे। महाभारत के इस सीरियल के बाद तमाम सीरियल आए। इनमें लोगों ने भीम की भूमिकाएं की लेकिन प्रवीण कुमार जैसा कोई नहीं बना। भीम शब्द सुनते ही उनका चेहरा सामने आ जाता था। लंबे-चौड़े प्रवीण कुमार सोबती ने अपनी एक्टिंग से भीम के किरदार में जान फूंक दी थी। इस सीरियल से उन्हें बहुत पॉपुलैरिटी मिली।
ओलंपिक खिलाड़ी रहे प्रवीण
बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट रह चुके प्रवीण ने एक एथलीट के रूप में उन्होंने एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक सहित चार पदक जीते, राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता और दो ओलंपिक में भाग लिया।
खेल के प्रति उनके योगदान के लिए साल 1967 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था। उन्होंने 1966 और 1970 के एशियाई खेलों में चक्का फेंक में स्वर्ण पदक जीते, जिसमें एशियाई खेलों का रिकॉर्ड 56.76 मीटर था। वह 1966 में किंग्स्टन में हुए राष्ट्रमंडल खेलों और 1974 में तेहरान में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता थे। उन्होंने 1968 के और 1972 के ओलंपिक गेम्स में भाग लिया।
की कई फिल्में
प्रवीण ने साल 1981 में फिल्म 'रक्षा' में अहम भूमिका निभाई। बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन की 'शहंशाह' में 'मुख्तार सिंह' के रूप में उनकी सबसे यादगार उपस्थिति थी।
प्रवीण की फिल्मोग्राफी में 'करिश्मा कुदरत का', 'युद्ध', 'जबरदस्त', 'सिंहासन', 'खुदगर्ज', 'लोहा', 'मोहब्बत के दुश्मन', 'इलाका' और अन्य जैसे कई फिल्मों का हिस्सा रहे। 80 के दशक के आखिरी वक्त में उन्हें बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' में भीम की भूमिका निभाने के लिए साइन किया गया। दर्शकों के जेहन में यह किरदार काफी अहम रहा। टीवी सीरियल चाचा चौधरी में उन्होंने साहू का किरदार भी निभाया था।
राजनीतिक सफर
साल 2013 में, प्रवीण ने राजनीति में अपना करियर बनाने की कोशिश की और वज़ीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। प्रवीण ने 2021 में पंजाब सरकार से पेंशन नहीं मिलने पर नाराजगी जताई थी।


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