जीप में बैठकर कॉरिडोर में बसे गोकुल-नंदगांव और बरसाना को देखने का मौका मिलेगा
न्यूज़ स्ट्रोक
नोएडा, 9 मार्च । दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते मथुरा और वृंदावन जाने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी चल रही है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से मंदिर दर्शन के लिए जाने वालों का सफर आरामदायक हो जाएगा। साथ ही नया एक्सप्रेसवे बनने से आने-जाने में वक्त भी कम लगेगा। जेवर एयरपोर्ट तक आने-जाने का वक्त भी कम हो जाएगा।
यह 100 मीटर चौड़ा छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनेगा। यह दूरी 16 किलोमीटर से अधिक है। इससे राया से दोनों शहरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र की अनुभूति राया हेरिटेज सिटी में यदि कोई घूमने आता है तो उसे ग्रामीण क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। अगर किसी को मेडिटेशन करना है तो उसका ठिकाना भी यहां मिल जाएगा। इसलिए आध्यात्मिक केंद्रों की व्यवस्था की जा रही है। यहां ठहरने के लिए होटल भी बनाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को ठहरने के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े। यहां थीम आधारित हेरिटेज सेंटर बनाए जाएंगे ताकि ऐतिहासिक चीजों को भी देखा जा सके।
जीप में बैठकर कॉरिडोर में बसे गोकुल-नंदगांव और बरसाना को देखने का मौका मिलेगा। तीनों गांव में राधा-कृष्ण की लीलाएं दिखाई जाएंगी। जीप से तीनों गांवों में दिखाई जाने वालीं लीलाएं देखने का भी मौका मिलेगा।
ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने वाली अमेरिकी कंपनी सीबीआरई ने डीपीआर का प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि नए शहर में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ब्रज की संस्कृति को दिखाया जाए जिससे मथुरा-वृंदावन आने वाले लोग यहां पर आकर रुक सकें। ड्राफ्ट रिपोर्ट बनाते समय कंपनी ने वियतनाम और मलेशिया के शहरों का अध्ययन भी किया। इस नए शहर में हेरिटेज सिटी को 9350 हेक्टेयर में बसाया जाएगा तो पहले चरण में 731 हेक्टेयर में टूरिज्म जोन और 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा।
नोएडा, 9 मार्च । दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते मथुरा और वृंदावन जाने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी चल रही है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से मंदिर दर्शन के लिए जाने वालों का सफर आरामदायक हो जाएगा। साथ ही नया एक्सप्रेसवे बनने से आने-जाने में वक्त भी कम लगेगा। जेवर एयरपोर्ट तक आने-जाने का वक्त भी कम हो जाएगा।
यह 100 मीटर चौड़ा छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनेगा। यह दूरी 16 किलोमीटर से अधिक है। इससे राया से दोनों शहरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र की अनुभूति राया हेरिटेज सिटी में यदि कोई घूमने आता है तो उसे ग्रामीण क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। अगर किसी को मेडिटेशन करना है तो उसका ठिकाना भी यहां मिल जाएगा। इसलिए आध्यात्मिक केंद्रों की व्यवस्था की जा रही है। यहां ठहरने के लिए होटल भी बनाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को ठहरने के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े। यहां थीम आधारित हेरिटेज सेंटर बनाए जाएंगे ताकि ऐतिहासिक चीजों को भी देखा जा सके।
जीप में बैठकर कॉरिडोर में बसे गोकुल-नंदगांव और बरसाना को देखने का मौका मिलेगा। तीनों गांव में राधा-कृष्ण की लीलाएं दिखाई जाएंगी। जीप से तीनों गांवों में दिखाई जाने वालीं लीलाएं देखने का भी मौका मिलेगा।
ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने वाली अमेरिकी कंपनी सीबीआरई ने डीपीआर का प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि नए शहर में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ब्रज की संस्कृति को दिखाया जाए जिससे मथुरा-वृंदावन आने वाले लोग यहां पर आकर रुक सकें। ड्राफ्ट रिपोर्ट बनाते समय कंपनी ने वियतनाम और मलेशिया के शहरों का अध्ययन भी किया। इस नए शहर में हेरिटेज सिटी को 9350 हेक्टेयर में बसाया जाएगा तो पहले चरण में 731 हेक्टेयर में टूरिज्म जोन और 110 हेक्टेयर में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा।
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