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नई दिल्ली, 01 मई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अतिरिक्त महानिदेशक समीरन पांडा ने कहा कि भारत में रोजाना सामने आ रहे कोविड-19 के मामलों को कोरोना की चौथी लहर नहीं कहा जा सकता। रविवार को बात करते हुए समीरन पांडा ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले जिले स्तर पर देखे जा रहे है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि देश चौथी लहर की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, जिला स्तर पर कोरोना के पॉजिटिव केसों में जो उछाल आ रहा है, उसे ब्लिप कहा जाता है।
आपको बता दें कि ब्लिप का मतलब अस्थायी समस्या से है। यह चौथी लहर का संकेत क्यों नहीं है, इस पर विस्तार से बताते हुए पांडा ने कहा कि हम जो देख रहे हैं वह सिर्फ एक झटका है। लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि पूरे राज्य कोविड की चपेट में हैं।
उन्होंने आगे कहा, देश भर में अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक कोई नया वेरिएंट भी नहीं मिला है जो चौथी लहर का संकेत देता हो। उन्होंने पॉजिटिविटी रेट के बारे में बात करते हुए कहा कि कभी-कभी कम टेस्टिंग के कारण दर बढ़ जाती है।
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