राणा प्रताप मेवाड़ गगन पर चमका एक सितारा था.....



- क्षत्रिय सभा ने निकाली महाराणा प्रताप की भव्य शोभायात्रा
- राष्ट्रीय संगोष्ठी व कवि सम्मेलन में महाराणा प्रताप को नमन


न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 09 मई । क्षत्रिय सभा ने राष्ट्रपुरुष महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में सोमवार को शहीद स्मारक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इससे पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली गई। 
शहीद स्मारक से क्षत्रिय सदन तक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सामाजिक सद्भाव, समरसता और सरोकारों की झलक देखने को मिली। घोड़ों, ऊंटों, बैंड बाजों और गगनभेदी जयकारों के साथ महाराणा प्रताप, भामाशाह, चेतक, रानी लक्ष्मीबाई, पन्नाधाय, महाराजा अग्रसेन, महर्षि  परशुराम, गुरु गोविंद सिंह और महावीर स्वामी सहित दो दर्जन झांकियों ने सबका मन मोह लिया। शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ। 
शोभायात्रा का शुभारंभ अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पूर्व सांसद हरिवंश सिंह और अम्बरीश पाल सिंह ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया। शोभायात्रा में केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, महापौर नवीन जैन, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक छोटेलाल वर्मा, डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान, संत माता कांता देवी, पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह चौहान, सत्यमित्रा नंद स्वामी, आशुतोष सिंह, श्याम भदौरिया, हितेंद्र प्रताप सिंह, डिप्टी कमिश्नर विशाल पुंडीर, शैलू जादौन, दिनेश सिकरवार, आरपी सिंह जादौन, क्षत्रिय सभा के अध्यक्ष भंवर सिंह चौहान, कार्यकारी अध्यक्ष जवाहर सिंह जादौन, पूर्व ब्लाक प्रमुख सुग्रीव सिंह चौहान, गजेंद्र सिंह परमार, डॉ. अनिल कुमार सिंह, राकेश सिंह सिकरवार, बृजेश सिसोदिया, वीरेंद्र सिंह तोमर, पार्षद शरद चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष विजय पाल सिंह चौहान, गजेंद्र परमार मुख्य रूप से शामिल रहे।


बही काव्यधारा..


क्षत्रिय सभा द्वारा प्रातः बेला में क्षत्रिय सदन पर हवन-पूजन के बाद दोपहर को शहीद स्मारक पर आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में ख्याति प्राप्त कवि सतीश मधुप के संचालन में अजय अंजाम, मनोज चौहान, विकास सिंह बौखल, योगिता चौहान, पवन आगरी और विपिन चौहान मन ने महाराणा प्रताप के शौर्य और वीरता को व्यक्त कर सबको भाव विभोर कर दिया।आगरा के विपिन चौहान मन की इन पंक्तियों ने सबका दिल जीत लिया-  "उस नर नाहर ने मातृभूमि का पूरा कर्ज उतारा था। राणा प्रताप मेवाड़ गगन पर चमका एक सितारा था।"
 मैनपुरी के मनोज चौहान की इन पंक्तियों को भी सबकी वाहवाही मिली- "उनके शौर्य और स्वाभिमान पर नहीं किसी को शंका थी। उस अकेले बबर शेर ने फूँकी मुगलों की लंका थी।"

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