नई दिल्ली, 02 अगस्त। अमेरिका ने कहा है कि सबसे बड़े आतंकवादी अल कायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को मारने के लिए दो मिसाइलें दागी गई लेकिन ना कोई धमाका हुआ और ना किसी और को नुकसान पहुंचा। फिर आखिर कैसे मारा गया अल जवाहिरी?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जब ऐलान किया कि अल कायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को उनकी फौजों ने मार गिराया है, तो हर कोई पूछ रहा था कि कैसे और कहां? तब अधिकारियों ने कहा कि 25 जुलाई को जो बाइडेन ने इस अभियान को मंजूरी दी थी और 31 जुलाई को काबुल स्थित उसके निवास पर दो मिसाइलें दागी गईं। अधिकारियों के मुताबिक तब अल जवाहिरी मकान की बालकनी में खड़ा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जब ऐलान किया कि अल कायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को उनकी फौजों ने मार गिराया है, तो हर कोई पूछ रहा था कि कैसे और कहां? तब अधिकारियों ने कहा कि 25 जुलाई को जो बाइडेन ने इस अभियान को मंजूरी दी थी और 31 जुलाई को काबुल स्थित उसके निवास पर दो मिसाइलें दागी गईं। अधिकारियों के मुताबिक तब अल जवाहिरी मकान की बालकनी में खड़ा था।
यह थी एक विशेष मिसाइल
हमले को जिस तरह अंजाम दिया गया वे सारे संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि अमेरिकी सेना ने हेलफायर मिसाइलों का इस्तेमाल किया। हेलफायर आर9एक्स एक ऐसी मिसाइल है, जिसके लिए वॉरहेड की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें छह रेजर जैसे ब्लेड होते हैं जो निशाने को काट डालते हैं। इसलिए इसमें धमाका नहीं होता.
वैसे अमेरिका ने कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है लेकिन आर9एक्स को सबसे पहले मार्च 2017 में देखा गया था जब अल कायदा नेता अबु अल-खार अल-मसरी को ड्रोन हमले में सीरिया में मारा गया था। तब अल मसरी अपनी कार में कहीं जा रहा था। उस हमले की तस्वीरों में देखा गया कि कार की छत पर एक बड़ा छेद हो गया था और कार के अंदर सवार लोग व इंटीरियर सबका सब ऐसे कतर दिया गया था जैसे कैंची से काटा गया हो। इसके बावजूद कार का अगला और पिछला हिस्सा सलामत थे।
अल मसरी पर हुए उस हमले से पहले तक हेलफायर मिसाइलों को अलग रूप में जाना जाता था। तब माना जाता था कि ये ड्रोन से दागी जाने वाली मिसाइल जो बड़ा धमाका करती हैं और हमले की जगह को तहस-नहस कर देती हैं। इस हथियार को ‘निंजा बम’ भी कहा गया। ऐसा माना जाता है कि अब ये मिसाइल अमेरिकी एजेंसियों के लिए निशाना साध कर लोगों को मारने का पसंदीदा जरिया बन गई हैं ताकि हमलों में नागरिकों की जानों का नुकसान टाला जा सके। अल जवाहिरी के साथ भी ऐसा ही हुआ।
अल जवाहिरी की एक आदत साबित हुई जानलेवा
एक अमेरिकी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि 31 जुलाई को जब जवाहिरी अपने मकान की बालकनी में खड़ा था तब एक ड्रोन से दो हेलफायर मिसाइलें दागी गईंद्ध उस मकान की तस्वीरें दिखाती हैं कि एक मंजिल की खिड़कियां टूट गई थीं लेकिन बाकी मकान सही सलामत थाद्ध अधिकारी ने कहा कि हमले के वक्त जवाहिरी के परिवार के लोग भी घर में थे लेकिन सोच-समझकर उन्हें निशाना नहीं बनाया गया और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस हमले से पहले अधिकारियों ने उस घर का विस्तृत मॉडल तैयार किया था। उस मॉडल को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति को भी दिखाया गया था। अधिकारी इस बात से वाकिफ थे कि अल जवाहिरी को बालकनी में बैठना पसंद है। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बहुत मेहनत से एक सूक्ष्म मॉडल तैयार किया था, जो महीनों की कोशिशों का नतीजा था।
इस नक्शे को तैयार करने तक पहुंचने में अमेरिकी जासूसों को सालों लगे हैं। इस दौरान देश के चार राष्ट्रपति बदल गए। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर पिछले साल कब्जे के बाद उसके एक धड़े हक्कानी नेटवर्क की मदद से अल जवाहिरी के परिवार को काबुल में यह घर मिल गया था।
अमेरिकी जासूसों को जब पता चला कि अल जवाहिरी कहां रह रहा है तो वह इस कड़ी में सिर्फ पहला कदम था।. हमले के वक्त उसका सही जगह पर होना और इतने भीड़भाड़ वाले इलाके में आम लोगों की जान को बचाकर हमला करने के लिए बेहद विस्तृत योजना की जरूरत थी। इस योजना को बनाने में अधिकारियों को महीनों का वक्त लगा।
यही वजह थी कि इतनी सधी हुई और विस्तृत योजना बनाई गई जिसे जो बाइडेन ने मंजूरी दी। उस योजना में यह बात शामिल थी कि हमले में सिर्फ बालकनी को नुकसान पहुंचेगा और अल जवाहिरी के अलावा घर में रह रहा कोई व्यक्ति प्रभावित नहीं होगा।
अधिकारियों ने बताया कि कई सूचना स्रोतों ने इस बात की पुष्टि की कि बालकनी पर हमला ही अल जवाहिरी को खत्म करने का सबसे सटीक मौका हो सकता है। अप्रैल और मई में तैयारियां करने के बाद एक जुलाई को जो बाइडेन को हमले की पूरी योजना के बारे में बताया गया. तभी बाइडेन ने घर का मॉडल देखा और सीआईए प्रमुख समेत अपने सभी सलाहकारों से मशविरा किया। अधिकारियों ने कहा कि हमले के वक्त कोई अमेरिकी काबुल में जमीन पर मौजूदा नहीं था और तालिबान को भी इस हमले की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।
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