-देशभर से आए 350 वास्तुकार 8-9 अक्टूबर को जुटेंगे ताजनगरी में
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, टाउन प्लानिंग का अर्थ सिर्फ खेतों को काटकर इमारतें खड़ा करना नहीं होता। हर आधा किमी की दूरी पर नजर आते चौराहे वास्तु की गलत प्लानिंग का नतीजा है। इमारत बनाने के साथ लोगों को बेहतर सुविधा भी मिलती चाहिए। जो हर शहर, देश और धर्म के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। जिस पर आज ध्यान नहीं दिया जा रहा। इन सभी विषयों पर चर्चा करने व समाधान ढूंढने के लिए 8-9 अक्टूबर को देशभर से ताजनगरी में लगभग 350 वास्तुकार जुटेंगे।
एमजी रोड स्थित एक रेस्टोरेन्ट में आयोजित पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में संस्थापक अध्यक्ष शशि शिरोमणी व संस्थापक सचिव सीएस गुप्ता ने बताया कि होटल जेपी पैलेस में 8-9 अक्टूबर को आगरा आर्किटेक्ट एसोसिएशन के 50 वर्ष पूर्ण होने (गोल्डन आर्च 2022) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें देश भर के विभिन्न प्रांतों के वास्तुकार भाग लेंगे। स्टाइल आर्किटेक्ट और लग्जरी ने नाम से मशहूर मुम्बई के प्रेमनाथ भी शामिल रहेंगे। जिन्होंने भारत का पहला मॉल, रिवोल्विंग होटल, हरित आवासीय इमारत बनाई। चेन्नई से कन्जरवेशनल आर्किटेक्ट नलनी ठाकुर भी भाग लेंगी।
अध्यक्ष अश्वनी शिरोमणि ने कहा कि जो नए शहर बसे हैं, वहां आप पता नहीं लगा सकते कि आप किस शहर में है।
जबकि आगरा के पुराने शहर से आप मुगलिया और जयपुर के बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ देखकर बता सकते हैं कि आप पिंक सिटी में हैं। आजकर हर क्रासिंग पर चौराहा बन रहा है, वह ठीक नहीं, सडक़ काटकर बीच में मकान बना देना सबसे आसान तरीका है। जबकि ज्यादा रेड लाइट से बचने के लिए चौराहों पर गोल घेरे या तिराहे होने चाहिए। इसे ऑर्गेनिक प्लानिंग कहा जाता है। इस प्लानिंग में मेहनत लगती है, जिसे आजकल कोई नहीं करना चाहता।
इस अवसर पर सचिव सौरभ सक्सेना, कोषाध्यक्ष अनघा शर्मा, गौरव शर्मा, श्रुव कुलश्रेष्ठ, अर्चना यादव, किरन गुप्ता, बृजेन्द्र सिंह, ललित द्विवेदी, राजीव चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।
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