आगरा में वैज्ञानिक बना रहे सड़क, तीन साल तक कुछ नहीं बिगड़ेगा

 

न्यूज स्ट्रोक 
आगरा, 20 जनवरी। आगरा में जी-20 डेलिगेशन के आगमन को देखते हुए सडक़ को केंद्रीय सडक़ अनुसंधान संस्थान दिल्ली की वैज्ञानिकों की देखरेख में बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पहली बार बार्ममिक्स तकनीक से सडक़ बनाई जा रही है। फतेहाबाद रोड पर सेल्फी प्वाइंट से होटल हावर्ड पार्क प्लाजा तक की करीब 2.6 किलोमीटर सडक़ निर्माण का काम होना है। मेट्रो कार्य के कारण ये सडक़ पूरी तरह से उखड़ चुकी है। इस सडक़ को बनाने के लिए मेट्रो ने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में पीडब्ल्यूडी पर जिम्मेदारी आ गई है।
जी 20 के सदस्य इसी मार्ग से ताजमहल का दीदार करने जाएंगे। आगामी 10 फरवरी को अतिथि दौरा करेंगे। आम तकनीक से सडक़ की मरम्मत के लिए सर्दी कम होने का इंतजार करना पड़ता है जबकि अतिथियों के आगमन को देखते हुए इंतजार संभव नहीं है। इसके लिए प्रशासन ने आरआरआई से मदद मांगी।
शुक्रवार को जी-20 डेलीगेशन के दौरे के मद्देनजर सेल्फी प्वाइंट पर सडक़ निर्माण शुरू हो गया। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम आई है। इसमें अंबिका बहल ने बताया कि बार्ममिक्स के तकनीक से सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक ये तकनीक का ठंडे इलाके में बॉडर्र रोड ऑर्गनाइजेशन इस्तेमाल कर रही है।



यूपी में पहली बार इस तकनीक से सडक़ बनाई जा रही है। इसमें बिटुमिन में ईवोथर्म नाम का केमिकल मिलाया जाता है। कम तापमान पर ये बिटुमिन को आपस में जोड़े रखने में मदद करता है। इस तकनीक से जीरो डिग्री में भी सडक़ बनाई जा सकती है।



सीआरआरआई की अंबिका ने बताया कि इस तकनीक से बनने वाली रोड की लाइफ आम रोड़ की तुलना में काफी अधिक होती है। ठंडे इलाकों में अभी तक इस तकनीक पर बनी सडक़ों पर हुए रिसर्च से पता चला कि वो सडक़ें तीन साल तक चली हैं। इसके अलावा इस तकनीक से 160 डिग्री की बजाए 120 डिग्री सेल्सियस पर बिटुमिन तैयार किया जाता है। ऐसे में पर्यावरण में कम कार्बन का उत्सर्जन हो रहा है और डीजल की खपत भी कम हो रही है।

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