- जगतगुरु रामनंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और सियाराम के विवाह का किया वर्णन
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 23 सितम्बर। श्री कामतानाथ सेवा समिति द्वारा चित्रकूट धाम (कोठी मीना बाजार) में आयोजित श्रीराम कथा में शनिवार को श्री कामदगिरि पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु रामनंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और सियाराम के विवाह का वर्णन किया।
ताड़का वध बाद उसके पुत्र मारीच और सुबाहु विश्वासमित्र के आश्रम में श्रीराम का वध करने पहुंचे। स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने कहा कि मारीच दोष और सुबाहु दुख था। दुख को खत्म करने के लिए पहले दोष को दूर किया जाता है। इसलिए श्रीराम ने अपने एक वाण से मारीच को रावण के पास पहुंचा दिया जिससे सुबहु नाम के दुख का अंत हुआ। कहा हमारे जीवन में जो दुख हैं उसका कारण हमारे दोष हैं। इसलिए जीवन के दोषों को दूर करो तो सुख अपने आप आ जाएगा। जैसे सिगरेट के दोष छोड़े बिना खांसी जैसे दुख समाप्त नहीं हो सकता। कथा में बटेश्वर धाम के अयोध्यादास जी महाराज, जयप्रकाश त्यागी, समिति के अध्यक्ष जय भोले, धमेंद्र्र त्यागी, श्रीकांत त्यागी, हाकिम सिंह त्यागी, पिंकी त्यागी, हाथरस की जिलापंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय, भगवान दास कुशवाह, डॉ. एके भट्टाचार्य, लवलेश चौधरी, अशोक पचौरी, अर्जुन त्यागी, विनोद त्यागी, भावेश राय, प्रिंस बाजपाई, गुलाब चंद दीक्षित आदि उपस्थित थे।
स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने कहा कि मैंने श्रीरामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करवाने का संकल्प लिया। इसके लिए कामदगिरी चित्रकूट धाम से अभियान प्रारम्भ किया गया है। 25 सितम्बर को कथा परिसर में हजारों श्रीरामचरित मानस बांटी जाएंगी
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