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भाविका दियालानी, रश्मि बुधरानी, दीप्ति भोजवानी, सिद्धि आयलानी |
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 02 सितम्बर। पति की दीर्घ आयु के लिए सिंधी समाज की महिलाओं ने तीजड़ी पर्व भक्ति भाव के साथ मनाया। सुबह चार बजे से घरों में तीजड़ी माता की पूजा अर्चना शुरु कर दी थी। इस मौके पर सिंधी समाज की महिलाएं उपवास रहीं और चंद्रमा को देखकर व्रत खोलनें का वचन लिया । व्रत रखने वाली महिलाओं ने हाथों में मेहंदी लगवाई हुई थी और सोलह श्रंगार में सभी माताएं रहीं।
सुहागिन महिलाओं ने दिन भर का उपवास रखा। टीजड़ी माता से परिवार में सुख समृद्धि और पति की दीर्घायु की कामना की। सूर्य उदय से पहले मिठाई एवं फल खाकर, दोनों हाथों में मेंहदी रचाकर निर्जला व्रत का आरंभ किया। फिर दिन के समय सोलह श्रृंगार कर तैयार होकर सात अन्न से बनी खेत्री माता को हिंडोले में झूला कर, फल और शरबत का भोग लगाया। शाम को श्री गिरधर गोपाल मंदिर और पूजा भण्डार बल्केश्वर मंदिर में पंडित बंटी महाराज ने महिलाओं को पूजा अर्चना कराई। इस अवसर पर काफी संख्या में महिला उपरस्तिक थी प्रमुख रूप से पूजा शर्मा, भाविका दियालानी, कांता दादलानी, रश्मि बुधरानी, सिद्धि आयलानी, मीतू दियालानी, वर्षा कुकरेजा, शोभा सोनी,रजनी नवलानी आदि मौजूद रहीं।
पूजा की समाप्ति और के बाद सूरज डूबने के बाद सभी महिलाओं ने एक साथ बैठकर टीजड़ी माता की कथा पढ़ी। मंगल गीत गाए और रात को चंद्रमा निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया।
भाविका दियालानी ने कहा कि तीजड़ी पर्व हमारी संस्कृति का हिस्सा है। त्यौहार से पहले समाज की महिलाओं ने मिलजुल कर माहौल को उत्सवी बना दिया।
रश्मि बुधरानी ने कहा कि सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है। वहीं, अगर यह व्रत कुंवारी लड़कियों द्वारा किया जाता है तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
दीप्ति भोजवानी ने कहा कि इस व्रत के लिए घर में सुबह से पूजा अर्चना के बाद घर के अन्य कार्य में जुट गए। सुबह सूर्य निकलने से पहले हम लोगों पूजा शुरु कर दी थी। दिन भर घर में पूर्जा-अर्चना का माहौल रहा।
सिद्धि आयलानी इस व्रत का इंताजर हमें साल भर रहता है। घर में पूजा जैसा माहौल बन जाता है। यह हमारे परिवार का प्रमुख त्यौहार है। परिवार के सभी महिला सदस्य शामिल रही।
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