कुख्यात डकैत गौरी यादव ढेर


 उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश

 में था आतंक का पर्याय


* 5.50 लाख का इनामी था गौरी, आज सुबह तड़के यूपी एसटीएफ से मुठभेड़ में मारा गया

 न्यूज़ स्ट्रोक 
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुका कुख्यात डकैत गौरी यादव आज तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उत्तर प्रदेश में उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था और मध्य प्रदेश सरकार ने उस पर अलग से 50 हज़ार का इनाम घोषित किया था।
सटीक सूचना पर पहुंची यूपी एसटीएफ की टीम से चित्रकूट के बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधा के पास जंगल में गिरोह से मुठभेड़ हुई, जिसमें सुबह लगभग 3:30 बजे कुख्यात गौरी यादव मारा गया।
एसटीएफ को मौके से एके-47 समेत कई असलहा बरामद हुए हैं। ददुआ और ठोकिया के बाद डकैत गौरी यादव बीहड़ में एक बड़ा नाम बन चुका था। डाकू गौरी यादव डकैत गोप्पा के साथ 2001 में अपराध की दुनिया में सरगना बना। गौरी सरकारी कामकाज में कमीशन न मिलने पर ठेकेदारों और मजदूरों से मारपीट करता था। वर्ष 2008 में हुई मुठभेड़ से एसटीएफ ने गौरी को पकड़ कर जेल भेजा था। दो साल बाद यानी वर्ष 2010 में जेल से छूटने के बाद उसका आतंक काफी बढ़ गया था।रंगदारी, फिरौती, लूटपाट, हत्या करने लगा था। गौरी के खिलाफ चित्रकूट और सीमा से सटे सतना मध्य प्रदेश में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। गौरी यादव काफी लंबे समय से अंडरग्राउंड चल रहा था। चार महीने पहले अचानक कि इसने चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी।  वर्ष 2008 में ददुआ और कुछ दिन बाद मुखिया के मारे जाने के बाद 2009 में गौरी यादव भी गिरफ्तार हो गया था। बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया था। चित्रकूट जिले के फरार डकैत गौरी यादव के सिर पर उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश शासन ने इस साल जुलाई में संयुक्त रूप से 5लाख 50 हज़ार का इनाम घोषित किया था। वह चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के बेल्हारी गांव का रहने वाला था। उसकी तलाश में पुलिस काफी समय से लगी हुई थी। गौरी यादव ने 2013 में दिल्ली से मामले की जांच करने पहुंचे दरोगा की भी हत्या कर दी थी इसके बाद मई 2016 में गोपालगंज में तीन ग्रामीणों को खंबे से बांधकर गोली मार दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी जावेद अहमद ने एक लाख का इनाम घोषित किया था

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