हल्के में ना लें डेंगू को

विशेषज्ञ केपी सिंह ने

दी अहम जानकारी 

के पी सिंह

डेंगू बुखार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस होता है। इसका इलाज समय से करना बहुत जरूरी है। इस बुखार को आम भाषा में हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। इस वायरस का वाहक एडीज एजिप्टी मच्छर (मादा ) होती है। इस वायरस का प्रथम पोषद मानव और दूसरा पोषद मच्छर होता है।
इस वायरस के कारण जो बुखार होता है, उसके लक्षण तेज बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते, उल्टी, जी मिचलाना और मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द आदि हैं।
इसके रोगी को रक्तस्राव भी हो सकता है। रक्त में प्लेटलेट्स कमी हो जाती है। ऐसे में लो रक्तचाप भी हो जाता है। इस प्रकार के बुखार को गंभीरता से लें तथा रोगी को डॉक्टर की देखरेख में रखें। बुखार का अभी तक कोई निश्चित इलाज नहीं है। इसके लिए कोई प्रतिजैविक नहीं है। डेंगू बुखार में पेरासिटामोल तथा दर्द निवारक दी जाती है। ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेने की सलाह देते हैं।
इसकी वैक्सीन मेक्सिको की सोनोफी फार्मा कंपनी ने एक वैक्सीन डेंग्वाक्सिया तैयार की है। इसका प्रयोग जल्दी शुरू हो जाएगा।


 रोकथाम

  1.  दिन में मच्छरों से बचाव, मछरदानी का प्रयोग करें। स्वच्छ पानी का संग्रह ना होने दें। कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए।
  2. हेल्दी फूड्स, पपीता, नींबू, संतरे का जूस, नारियल का पानी, अनार का जूस, तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय, एलोवेरा और आंवला ले सकते हैं।
  3.  खाने में ऐसा भोजन करना चाहिए जो आसानी से पच सके। साला बड़ा मसालेदार भोजन नहीं देना चाहिए।
 
                                              लेखक आगरा में जीव
                                               विज्ञान के प्रवक्ता हैं 

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