आगरा समेत पूरे यूपी में दिखा
व्यापारियों का मुखर विरोध
मंडी शुल्क के विरोध में आगरा में बंद बाजार। |
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा। मंडी शुल्क की समाप्ति को लेकर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर आज आगरा जिले व शहर की समस्त गल्ला मंडी बंद रहीं। कहीं कोई कामकाज नहीं हुआ। आगरा समेत पूरे यूपी में यही हाल था। थोक और फुटकर व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं।
मंडी शुल्क को लेकर व्यापारियों का विरोध मुखर होता जा रहा है। इसके विरोध में आज मंडी शुल्क का जोरदार विरोध कर रहे व्यापारियों ने अभूतपूर्व एकता दिखाई और समस्त मंडिया बंद रहीं। सभी ने अपने प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रखे। आगरा शहर की मोतीगंज तथा नवीन मंडी स्थल में व्यापारियों ने सरकार के मंडी शुल्क बढ़ाने के आदेश को तुगलकी आदेश करार दिया। इसके अलावा जिले की खेरागढ़, फतेहाबाद, किरावली, फतेहपुर सीकरी, अछनेरा, जगनेर, खंदौली और एत्मादपुर की मंडियों में भी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और मंडी शुल्क का पुरजोर विरोध किया।
इस संबंध में एक बैठक जिला कार्यालय पर आहूत की गई। इसमें व्यापारियों ने मंडी शुल्क की समाप्ति तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। साथ ही घोषणा की कि भविष्य में आंदोलन को विशाल रूप दिया जाएगा। व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा।
बैठक में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल आगरा के जिलाध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल, प्रदेश मंत्री राज कुमार गुरनानी, जिला महामंत्री दीपक शर्मा, कोषाध्यक्ष डीसी मित्तल, वीडियो प्रभारी मेघराज दियालानी, उपाध्यक्ष संत कुमार मंगल, जयप्रकाश, रामप्रकाश, युवा महामंत्री सुनील जैन, योगेश रखवानी, किशोर बुधरानी आदि मौजूद रहे।
लखनऊ में पूर्णतः बंद
मंडी शुल्क के विरोध में राजधानी का थोक कारोबार और दाल मिलें बंद रहीं । शहर में किराना कारोबार पूरी तरह से बंद रहा । सुभाष मार्ग, पांडेयगंज के अलावा डालीगंज गल्ला मंडी और दाल मिल एसोसिएशन के आह्वान पर आज मिलों की मोटर बंद रहीं। प्रयागराज में भी यही हाल रहा।
आखिर क्या है मामला
हाल ही में सरकार ने मंडी के बाहर कारोबार करने वालों पर मंडी शुल्क लागू कर दिया है, जिसे पूर्व में खत्म कर दिया गया था। व्यापारियों का कहना है कि मंडी से बाहर व्यापार करने वाले कारोबारियों पर मंडी शुल्क लगाने के निर्णय सरासर गलत है। इससे व्यापारियों की दिक्कत बढ़ेंगी। इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें कारोबारियों का आर्थिक व मानसिक शोषण होगा। उपभोक्ता पर भी इसका अत्यधिक असर पड़ेगा। इस आदेश के कारण प्रदेश में मंडी के बाहर किराना, दाल, तिलहन, गल्ला, गुड़, आटा, लकड़ी व अन्य कृषि उत्पादनों का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ एवं महंगाई बढ़ेगी।
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