नई दिल्ली, 01 फरवरी । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 2022 23 के लिए बजट पेश किया। सत्ता पक्ष के लोगों ने जहां इसी विकास परक बताया वहीं विपक्ष ने इसे पूरी तरह जीरो और निराशाजनक करार दिया।
केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह बजट जीरो बजट है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, " मोदी सरकार का जीरो बजट!" उन्होंने आगे कहा, "वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं।
"दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय बजट 2022-23 को 'निराशाजनक' करार देते हुए कहा कि कोविड-19 के बीच बढ़ती महंगाई से प्रभावित आम जनता के बोझ को कम करने के लिए इसमें कुछ भी नहीं है।
केजरीवाल ने ट्विटर पर हिंदी में पोस्ट किया, "कोविड के समय में लोगों को केंद्रीय बजट से बहुत उम्मीदें थीं। इसने जनता को निराश किया है। बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है। इसमें महंगाई को कम करने के लिए कुछ भी नहीं है।"
केंद्रीय बजट को 'पेगासस स्पिन बजट' करार देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहा आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। बनर्जी ने ट्वीट किया, "बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट में शून्य है। सरकार बड़े शब्दों में खो गई है, जो कुछ भी नहीं दर्शाता है, यह एक पेगासस स्पिन बजट है।"
समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, काम-कारोबार सब हुआ चौपट…ऐतिहासिक मंदी, लाखों की नौकरी कर गयी चट. आम जनता की आमदनी गयी घट…। बेकारी-बीमारी में बैंकों में जमा निकली सारी बचत…अब लोगों की जेब काटने के लिए आया भाजपा का एक और बजट। उप्र से भाजपा के दुखदायी युग का अंत शुरू हो रहा है! यूपी कहे आज का नहीं चाहिए भाजपा।
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि, हम सब सोच रहे थे कि इस बजट में किसानों को कुछ मिलेगा, मजदूरों को कुछ मिलेगा लेकिन कुछ नहीं है। किसानों की आय दो गुनी करने को लेकर कोई बात नहीं की गई है। पुराने बजट में जितने भी विषय शामिल थे उनको पूरा करने का कोई प्रावधान नहीं है। स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी, यह दिशाहीन बजट है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बजट पर कहा कि, बजट का कुछ न कुछ फायदा होता है। लेकिन बजट में जितना दिखाया जाता है उससे कम किसानों को मिलता है। बजट का कुछ न कुछ फायदा होता है हमने कहा एमएसपी गारंटी कानून बना दें, इस कानून से कम कीमत में फसलों की खरीद बंद होगी। जबकि अभी व्यापारियों को इसका फायदा हो रहा है जो कम कीमत में फसलों को खरीदकर एमएसपी में महंगे कीमत में बेचती है।
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