आगरा में रैली कर समर्थकों
में जोश भर गईं मायावती
- भाजपा, कांग्रेस और सपा तीनों को जमकर लपेटा
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 2 फरवरी। मायावती ने यूपी चुनाव के लिए पहली रैली आगरा में की। आज इस रैली में मायावती के तेवर काफी तीखे दिखाई दिए। वहीं उनके समर्थकों में काफी उत्साह रहा। बसपा प्रमुख ने बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस और सपा को भी निशाने पर लिया। मायावती ने कहा कि बसपा आज भी यूपी में नंबर वन है। मीडिया गलत तरीके से उनकी छवि पेश कर रही है। लोगों में भ्रम फैलाने के लिए उन्हें कम आंका जा रहा है।
मायावती के भाषण के दौरान जनता के बीच से आ रही प्रतिक्रिया पार्टी नेताओं का उत्साह बढ़ाने वाली थी। निश्चित ही आने वाले दिनों में आगरा में भी बसपा के उम्मीदवार अपना चुनाव प्रचार आक्रामक तरीके से कर पाएंगे।
रैली में करीब 1000 लोगों को प्रवेश दिया गया था लेकिन इसके अलावा बाहर काफी बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी इस यूपी चुनाव में लगभग सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है ताकि 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जा सके। बसपा की पूर्ण बहुमत सरकार के आने से ही बीजेपी की जाति आधारित राजनीति, तानाशाही से छुटकारा मिल सकता है।
मायावती ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि बेरोज़गारी और महंगाई से जनता परेशान है। उन्होंने बीजेपी पर पक्षपाती रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी जातिवादी और पूंजीवादी पार्टी है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर तनाव बना रहता है। पुलिस हिरासत में दलितों को मार दिया जाता है। बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाना है और कुछ नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि अपर कास्ट के लोग भी बीजेपी में ठगे गए हैं। रैली के दौरान महंगे पेट्रोल डीज़ल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पेट्रोल-डीज़ल की कीमत (बढ़ने से) रोक दी गई हैं।
मतदाता तीनों पार्टियों को रिजेक्ट करें
मायावती ने कहा कि लोगों को भाजपा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, इन तीनों ही दलों को रिजेक्ट कर देना चाहिए। उन्होंने दलितों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सपा ने एक बार दलितों के आरक्षण वाला बिल ही फाड़ दिया था। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी का रवैया हमेशा ही दलितों के विरोध का रहा है। सपा जब सत्ता में थी तो एक समुदाय विशेष पर ही मेहरबान थी, जबकि दलितों और अति-पिछड़ों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता था। कांग्रेस ने दलितों, पिछ़डों और आदिवासियों की खिलाफत की। जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया
ब्राह्मणों को सम्मान देगी बसपा
मायावती ने इशारों-इशारों में यह याद दिलाया कि भाजपा सरकार में कथित तौर पर ब्राह्मण समुदाय से भेदभाव हो रहा था, उनके सत्ता में आने के बाद इस वर्ग को भी न्याय दिया जाएगा।
वोट डालने तक उपवास पर रहिए
मायावती ने कहा कि हम दूसरी पार्टियों की तरह लोक लुभावन घोषणा पत्र नहीं लाते हैं। पिछली बार हमारे कुछ नेताओं ने टिकट देने में गड़बड़ियां की थीं, वे सब अब दूसरी पार्टियों में चले गए हैं। इस दौरान उन्होने ओपिनियन पोल का भी ज़िक्र किया और कहा कि आप ओपिनियन पोल और सर्वे के चक्कर में मत पड़िएगा। 2007 में हमें तीसरे नंबर पर बताया गया था। रिज़ल्ट आया तो हम नंबर वन थे। आप सब जब तक वोट नहीं डाल लेते हैं तब तक उपवास पर रहिएगा। सवेरे उठते ही सबसे पहले वोट डालना है।
मीडिया पर भी साधा निशाना
रैली में मीडिया के लोगों को संबोधित करते हुए मायावती ने यह भी कहा कि, 'मीडिया के जो साथी पूछते हैं कि बहनजी कहां हैं? तो मैं कहना चाहती हूं कि बहनजी अपनी पार्टी को मजबूत करने में बिजी थी। बसपा बोलने में कम और करने में ज्यादा विश्वास रखती है। मायावती ने विभिन्न ओपिनियन पोल्स पर भी हमला बोला। उन्होंने उन्होंने कहा कि ओपिनियन पोल्स गलत दिखाते हैं, असल में बीएसपी नंबर एक की पार्टी बनेगी।
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