सुरक्षा प्रणाली 'कवच' का
सफल परीक्षण, एक ट्रेन में
तो खुद सवार थे रेल मंत्री
नई दिल्ली 4 मार्च । पूरी रफ्तार से दौड़ रहीं दो ट्रेन आमने-सामने थीं। ऐसे में क्या होगा, निश्चित ही आपका जवाब होगा कि भिडंत। एक भीषण भिड़ंत। हालांकि ऐसा नहीं हुआ क्योंकि 'कवच' ने इस दुर्घटना को रोक दिया। इसी के साथ भारतीय रेलवे के सुरक्षा इतिहास में आज का दिन नई इबारत लिखने वाला साबित हुआ। दरअसल भारतीय रेलवे ने आज आधुनिक तकनीक 'कवच' का सफल परीक्षण किया। दो ट्रेनों को चंद मीटर के फासले से एक दूसरे से भिडऩे से रोक दिया। दरअसल यह रेलवे की नई स्वदेशी सुरक्षा तकनीक कवच के दम पर हुआ।
इस इतिहास के साक्षी खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बने। कवच ने सामने से आ रही ट्रेन की भिड़ंत से पूर्व रेल मंत्री की ट्रेन को 380 मीटर पहले ही रोक दिया। तेलंगाना के सिकंदराबाद में इसका सफल परीक्षण किया गया।
कवच को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। 'शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली का निर्माण किया गया।
कैसे काम करता है कवच?
कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस डिजिटल प्रणाली के कारण मानवी त्रुटियों जैसे कि लाल सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर ट्रेन स्वत: रुक जायेगी।
बेहद कम खर्च पर बनी प्रणाली
अधिकारियों ने कहा कि कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये है।
कवच प्रणाली में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है। अधिकारियों के मुताबिक कवच एसआईएल -4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। एक बार इस प्रणाली का शुभारंभ हो जाने पर पांच किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जाएगी। कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है। वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को 'कवच' के तहत लाने की योजना है।
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