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शिव बोध ने रुद्र से शिव बनने और शिव अलंकारों से कराया परिचय


-लिट आगरा के तीसरे वार्षिकोत्सव का आयोजन जेपी पैलेस में किया गया

-कैलाश से लेकर महाकालेश्वर तक सभी ज्योतिर्लिंगों का महत्व बताया

न्यूज़ स्ट्रोक

आगरा, 18 सितम्बर। शिव बोध यानि अनादि और अनन्त शक्ति का बोध। शिव के अलंकारों (सर्प, त्रिशूल, भस्म, गंगा) का, रुद्र से शिव बनने का, वेदों के शिव का पुराणों के शिव में रुपांतरण का बोध। भारत के ज्योतिर्लिंगों और ताज नगरी के पांच प्रमुख शिवालयों का अविस्मरणीय परिचय, ज्ञान लिट आगरा के तीसरे वार्षिकोत्सव के तहत होटल जेपी पैलेस में आयोजित शिवबोध में हुआ।
एक ओर जहां शिव तांडव की प्रस्तुति ने सभी अतिथियों को विस्मय कर दिया वहीं शिव के अलौकिक परिचय ने ज्ञान के पटों को खोल दिया। पूजा बंसल व सौरभ अग्रवाल द्वारा संचालित शिव बोध कार्यक्रम में सुधा कपूर डॉ. राकेश भाटिया, नीलम मल्होत्रा, श्वेता जैन, विनीता अग्रवाल, दिव्या गोयल, शिप्रा बंसल, मोहित महाजन, रुचि अग्रवाल, संदीप सिंह शिव के विभिन्न रूपों (रुद्र, शिव, अर्धनारीश्वर) बारे में बताया।
वेदों में शिव का रूप और वेदों के शिव पुराणों के शिव में कैसे रुपानंतरित हुए। शिप्रा बंसल ने शिव अलंकार (गंगा, चंद्रमा, सर्प, डमरू, भस्म, त्रिनेत्र) के अभिप्राय बताते हुए कहा कि गागं ज्ञान का, भस्म हमारी नश्वरता का, त्रिशूल तीन गुणों, त्रिनेत्र अंधकार मिटाकर ज्ञान का प्रतीक का प्रतीक है।
ज्योतिर्लिंगों पर चर्चा  में बताया कि भौगोलिक दृष्टि से कैसे कैसे भारत का एकीकरण करते हैं शिवालय। सुधा कपूर विनीता, श्वेता जैन ने शिव के विभिन्न स्वरूपों पर प्रकाश डाला। रितु खंडेलवाल निधि लाल डॉ. अनुज कुमार, डॉ. अनु प्रसाद ने शिव भजन गाकर माहौल को और बी भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम का समापन श्वेता बंसल व अनुपमा बोहरा के तांडव नृत्य से हुआ।

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