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खुलीं सगड़ा की गांठें, लगे मां महालक्ष्मी के जयकारे





न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा,18 सितम्बर। शहर के सिंधी बाहुल्य क्षेत्रों और परिवारों में रविवार को सगड़ा पर्व की धूम रही। राधा अष्टमी पर महिला-पुरुषों के हाथों पर मनोकामना का धागा संगड़ा (पीला धागा) बांधा गया था। सिंधी समाज के ऐसे सभी महिला एवं पुरुष मंदिरों में पहुंचे। मंदिरों में भजन-कीर्तन के बाद इनको बांधे गए सगड़ा में लगी गांठों को खोला गया।
विभिन्न मंदिरों में पूजा पाठ का दौर चला। शहर के प्रमुख काला महल स्थित श्री गिरधर गोपाल मंदिर में महंत बंटी महाराज के सानिध्य में पूजा अर्चना की गई। गांठें खोलने के साथ ही धन एवं वैभव की देवी महालक्ष्मी की पूजा हुई। समाज के लोग इस दिन धन, ऐश्वर्य व सुख- समृद्धि की कामना करते हैं।
सिंधी सेन्ट्रल पंचायत के मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी यानि राधा अष्टमी से महालक्ष्मी पर्व की शुरुआत होती है। यह पर्व 16 दिनों तक चलता है। महालक्ष्मी का व्रत करने से दरिद्रता दूर होती है। 
गौरतलब है कि इस पर्व में धागों में लगाए जाने वाली गांठ में लोग अपनी मन्नत को मानकर भी गांठें बांधते हैं। इसकी 16वें दिन पूजा-अर्चना होती है। 16 दिन महिलाएं अपने पूरे परिवार के साथ सगड़ा के लिए आटे के दीपक में दीप जलाकर घर में बनाए मीठी रोटी, सतपुड़ा में सगड़ा लपेटकर महालक्ष्मी माता की कथा सुनती हैं। इसके बाद सगड़ा की पूजा-अर्चना करती हैं।





श्री गिरधर गोपाल मंदिर, काला महल के महंत बंटी महाराज कहते हैं कि मन्नत की गांठ का अपना ही महत्व है। यह महालक्ष्मी जी के प्रति हमारी श्रद्धा को तो बताता ही है। साथ ही मन की दृढ़ता का भी परिचायक है। दृढ़ संकल्प से ही मां लक्ष्मी की कृपा की प्राप्ति होती है।


कमला नगर निवासी रश्मि बुधरानी
  कहती हैं कि  त्योहार पौराणिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व भी रखते हैं सगड़ा पर्व में 16 कच्चे धागों से 16 काटे बांधी जाती हैं और उसे हल्दी में डुबोकर कलाई में बांधा जाता है। धागों में लगाई गई यह गांठें परिवार और समाज की एकजुटता को भी दर्शाते हैं।

 तेज नगर निवासी मेघराज दियालानी कहते हैं कि 16 दिन तक चलने वाला भक्ति और श्रद्धा का यह पर्व बताता है कि यदि ईश्वरी शक्ति से दिल से और दृढ़ता से प्रार्थना की जाए तो वह हर हाल में पूरी होती है। समाज के सभी लोग इसे पूरे श्रद्धा काम से करते हैं। 2 साल कोरोना काल के बाद इस बार इस बार मंदिरों में धूम रही।

प्रेमानंद कुंज कमला नगर निवासी मधु माखीजा कहती हैं कि हम अपने लक्ष्य और अपनी मनोकामना की प्राप्ति के लिए जब गांठें बांधते हैं तो आत्मविश्वास बढ़ता है, मन में कुछ भी पा लेने की क्षमता विकसित होती है। धन की देवी का आशीर्वाद हमें हमेशा प्राप्त होता है।

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