आगरा (मुईन बाबू ), 11 नवम्बर । टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में गुरुवार को इंग्लैंड से मिली एकतरफा हार ने टीम इंडिया के प्रशंसकों का दिल तोड़ दिया। प्रशंसकों को पूरी उम्मीद थी कि भारत यह मुकाबला जीतेगा और फाइनल में पाकिस्तान के साथ भारतीय टीम भिड़ेगी। इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने 168 रन बनाए। इस दौरान दर्शक पूरे जोश में थे। इंग्लैंड के खिलाफ हुए इस मुकाबले को देखने के लिए दर्शक टीवी से चिपके रहे। दूसरी पारी में दर्शकों को उम्मीद थी कि इंग्लैंड को शुरुआती झटके लगेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भारतीय टीम मुकाबला दस विकेट से हार गई। भारत की हार से प्रशंसकों के चेहरे उतर गए।
आगरा के युवा समाजसेवी, समाजवादी पार्टी के नेता और सिटीजन क्रिकेट क्लब के सचिव मुईन बाबू ने कहा कि पूरा टूर्नामेंट बेहतरीन तरीके से खेलने वाली भारतीय टीम से इस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद बिल्कुल ना थी। सेमीफाइनल मैच में भारत ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया लेकिन जब बात करो या मरो वाली आई तो भारतीय टीम की गेंदबाजी ने पूरी तरह दम तोड़ दिया और थाली में परोस कर जीत इंग्लैंड के हवाले कर दी।
मुईन बाबू ने कहा कि भारतीय टीम प्रबंधन में काफी कमियां रहीं। भारतीय टीम एशिया कप में हारी, इससे कोई भी सबक नहीं सीखा गया। जो टीम एशिया कप में नहीं जीत पाई वह वर्ल्ड कप में कैसे जीतेगी, इस पर विचार नहीं किया गया। अक्षर पटेल की जगह युजवेंद्र चहल को एक बार तो मौका देना चाहिए था। वहीं अगर आपने अक्षर पटेल को एक ऑलराउंडर के तौर पर शामिल किया था तो उन्हें कभी भी तीसरे या चौथे नंबर पर पावर हिटिंग के लिए के लिए क्यों नहीं भेजा गया? अक्षर पटेल ने आखिर कर क्या लिया? अपने कोटे के चार ओवर तक फेंकने में उन्हें दिक्कत आई और जमकर धुनाई हुई।
समाजसेवी मुईन बाबू ने कहा कि लोकेश राहुल की जगह राष्ट्रीय चयनकर्ता अगर शिखर धवन को चुनते तो ज्यादा बेहतर होता। ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक के मामले में भी कोच और कप्तान काफी कन्फ्यूज दिखे। इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजों ने जहां काबिले तारीफ प्रदर्शन किया, वहीं भारतीय टीम के दोनों अनुभवी स्पिनर आर अश्विन और अक्षर पटेल ने दोयम दर्जे का प्रदर्शन किया।
अगर इस विश्व कप का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच होता तो मजा ही कुछ और होता। फिलहाल भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए तो इस वर्ल्ड कप का मजा किरकिरा हो ही चुका है।
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