देश में कोरोना से बचाव के लिए नाक में डलेगी ड्रॉप, मंजूरी मिली



न्यूज़ स्ट्रोक
नई दिल्ली, 22 दिसंबर। चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और लोगों में डर का माहौल है। चीन के हालातों को देखते हुए इस बार भारत सरकार पहले से ही अलर्ट मोड पर आ चुकी है।
बुधवार से ही कोरोना को लेकर केंद्र सरकार ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वहीं आज गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई नेजल (Nasal) कोरोना वैक्सीन की भी जानकारी दी।
मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में बताया कि आज एक्सपर्ट कमेटी ने Nasal वैक्सीन को भी मंजूर कर दिया है, यानी आने वाले दिनों में किसी भी व्यक्ति को इंजेक्शन की जरूरत नहीं होगी और बस नाक में ड्रॉप डालो और फायदा हो जाएगा।

 सुनिए स्वास्थ्य मंत्री को वीडियो में 

इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन
उल्लेखनीय है कि 28 नवंबर को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited) ने घोषणा की थी कि इनकोवैक (iNCOVACC BBV154) नाक से खुराक देने वाली (बगैर सुई के) दुनिया की पहली कोविड वैक्सीन बन गई है। इसे इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन (Intra-Nasal Covid Vaccine) कहा जाता है। भारत बायोटेक के बयान के मुताबिक, iNCOVACC आसान भंडारण और वितरण के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रखी जा सकती है. भारत बायोटेक का कहना है कि नाक के माध्यम से दिए जाने वाले इस टीके को विशेष रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों के हिसाब से डिजाइन और विकसित किया गया है। वैक्सीन को अमेरिका के मिसूरी के सेंट लुइस स्थित वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।
'हमने कोविड पर नहीं की राजनीति'
गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में बताया, हमने कोविड पर कोई राजनीति नहीं की है। देश भर के बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं और चलाए जा रहे हैं. हमने देश में दवाओं की पर्याप्त मात्रा की भी समीक्षा की है।" उन्होंने बताया कि देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों की रैंडम आरटी-पीसीआर सैंपलिंग भी शुरू कर दी है. "हम महामारी से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उचित कदम उठा रहे हैं।"

'वैश्विक कोविड स्थिति पर रख रहे हैं नजर'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम वैश्विक कोविड स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उसी के अनुसार कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नए प्रकार की समय पर पहचान करने के लिए राज्यों को जीनोम-सीक्वेंसिंग बढ़ाने की सलाह दी गई है।

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