माता पिता के कठोर अनुशासन से बच्चों में स्थायी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं संभव



लंदन, 01 अप्रैल। क्या आप अपने बच्चों पर अक्सर चिल्लाते हैं या जब वे दुर्व्यवहार करते हैं तो उन्हें अलग कर देते हैं? यदि ऐसा है, तो आपके बच्चों को स्थायी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने का खतरा अधिक है। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है।
महामारी विज्ञान और मनश्चिकित्सीय विज्ञान पत्रिका में शोध के बाद जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन में उन्होंने पाया कि 7,500 से अधिक बच्चों में से 10 प्रतिशत बच्चों में खराब मानसिक स्वास्थ्य का अत्यधिक जोखिम है और अधिक सख्ती बरतने वाले माता-पिता के बच्चों के इस श्रेणी में आने की अधिक संभावना है।
तीन साल की उम्र में 'शत्रुतापूर्ण' पालन-पोषण करने वाले बच्चों में उनके साथियों की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य लक्षण होने की संभावना 1.5 गुना अधिक थी, जो उम्र के हिसाब से 'उच्च जोखिम' के रूप में योग्य थे।यूके में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में फैकल्टी ऑफ एजुकेशन में डॉक्टरेट शोधकर्ता इयोनिस कैटसेंटोनिस ने कहा कि ‘‘10 में से एक बच्चा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या के अत्यधिक खतरे की श्रेणी में आती है।
यह बात चिंताजनक है और हमें यह पता होना चाहिए कि बच्चों का पालन-पोषण करने का तरीका इसमें क्या भूमिका निभाता है।’’ उन्होंने कहा कि  हम यह सुझाव नहीं दे रहे हैं कि माता-पिता को अपने बच्चों के व्यवहार के लिए कठोरता का रुख निर्धारित नहीं करनी चाहिए, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य के निहितार्थों को देखते हुए लगातार कठोर अनुशासन को उचित ठहराना मुश्किल है।" अनुसंधानकर्ताओं ने तीन, पांच और नौ साल की उम्र के बच्चों में घबराहट, समाज से दूर रहने, गुस्सा और अत्यधिक सक्रिय रहने जैसे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लक्षणों का अध्ययन किया।
सख्ती बरतने का तात्पर्य शारीरिक या मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के तरीकों से है। इसमें बच्चों पर बार-बार चिल्लाना, उन्हें अक्सर शारीरिक रूप से दंडित करना, गलत व्यवहार करने पर उन्हें अलग-थलग करना, उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाना या माता पिता का अपने मिजाज के हिसाब से बच्चों को सजा देना शामिल है। जिन बच्चों  को अध्ययन में शामिल किया गया, उनमें से 83.5 प्रतिशत बच्चे नौ साल की उम्र तक मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कम जोखिम की श्रेणी में रहे, जबकि 6.43 बच्चे मध्यम खतरे की श्रेणी और 10.07 बच्चे अत्यधिक खतरे की श्रेणी में रहे।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सख्ती से पालन-पोषण करने पर बच्चे के अत्यधिक खतरे की श्रेणी में आने की आशंका डेढ़ गुणा अधिक और मध्यम खतरे की श्रेणी में आने की आशंका 1.6 गुणा अधिक होती है।

Post a Comment

0 Comments