चित्रकूट धाम के रूप में सजे कोठी मीना बाजार में राम कथा के पहले दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 20 सितम्बर। संतों का जन्म समाज का कल्याण करने के लिए होता है। कलयुग में संतों की शरणागति और प्रभु श्री राम की कथा से भगवान की प्राप्ति संभव है। 'बिन सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिन सुलभ न सोई'। कोठी मीना बाजार चित्रकूट धाम में श्री राम कथा के पहले दिन व्यास पीठ पर विराजमान श्री कामदगिरि पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु राम नंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने श्री राम कथा के महत्व वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में श्री राम कथा सिर्फ भक्तों के जीवन के तरन तारन का माध्यम नहीं, बल्कि युवाओं में उत्साह और बालकों में संस्कार का माध्यम है।
कथा व्यास ने कहा कि भक्तों को संतों की कथा सुनते रहना चाहिए सिर्फ सुनते ही नहीं बल्कि उसे जीवन में अपनाना भी चाहिए। राम कथा के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा "कथा जो सकल लोक हितकारी, सोई पूछत चह शैल कुमारी।। उन्होंने बताया कि श्री राम कथा के सबसे बड़े श्रोता भगवान शंकर हैं जिन्होंने पार्वती जी को स्वयं श्री राम कथा की महिमा को विस्तार से बताया था।
आगरा पर है भगवान भोलेनाथ की बड़ी कृपा
श्री कामतानाथ सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा में कामदगिरि पीठाधीश्वर स्वामी श्री रामस्वरूपाचार्य ने भक्तों को बताया कि आगरा ऐसी नगरी है जिस पर भगवान शिव की बड़ी कृपा है आगरा के चारों कोनों पर भगवान शिव स्वयं रक्षक के रूप में विराजमान है। उन्होंने कहा कथा स्थल चित्रकूट धाम कोठी मीना बाजार ऐसी पावन भूमि है जिस पर बड़े-बड़े संत महात्माओं ने राम कथा , भागवत कथा के माध्यम से भक्तों को सत्संग का अमृत पान कराया है।
शादी में दहेज भले ही कम दें लेकिन दामाद को रामचरितमानस की प्रति जरूर भेंट करें
श्री राम कथा के पहले दिन व्यास पीठ से पीठ आदिश्वर श्रीमद् जगतगुरु श्री रामस्वरूपाचार्य ने कहा भक्तों को सांसारिक जीवन के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि राम कथा ही गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी और परिवार का मार्गदर्शन करने में सक्षम है। उन्होंने कहा शादी में दहेज भले ही कम या ज्यादा दें लेकिन श्री रामचरितमानस की पुस्तक दामाद को जरूर भेंट करें और उससे प्रार्थना करें कि हर रोज रामचरितमानस का पाठ जरूर करें। श्री रामचरितमानस के पढ़ने मात्र से बुद्धि विवेक और ज्ञान के चक्षुओं के पट खुल जाते हैं।
इनकी रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य यजमान डॉ. जयप्रकाश त्यागी, मुरारीलाल त्यागी, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी, यज्ञ यजमान श्रीकांत त्यागी, हाकिम सिंह त्यागी, शैलेन्द्र उपाध्याय, वात्सल्य उपाध्याय, पिंकी त्यागी, आयोजन समिति के अध्यक्ष रामसेवक शर्मा जय भोले, संगठन मंत्री अमित शर्मा, संयुक्त मंत्री सौरभ शर्मा, महावीर प्रसाद त्यागी, सत्येंद्र पाराशर, लवकेश चौधरी ने श्री राम कथा की व्यवस्थाओं में सहयोग किया। अमरकांत त्यागी, अर्जुन त्यागी, विनोद त्यागी, विमल सोलंकी, डॉ. जितेन्द्र चौधरी आदि उपस्थित थे।
श्री राम कथा में पहले दिवस के यजमान के रूप में पुरनचंद शर्मा, जितेंद्र लवानिया, लोकेंद्र शर्मा, गजेंद्र शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, लोकेंद्र शर्मा अशोक फौजदार, शैलेंद्र बिथरिया, आदित्य त्यागी, प्रमोद कुमार रावत, चरण सिंह राणा, भगवान शर्मा, डॉक्टर ए बी श्रीवास्तव, भगवान दास अग्रवाल, पुरुषोत्तम शर्मा, यजमान के रूप में मौजूद रहे।
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