सुन्दरता की प्रतिस्पर्धा अपने पूरे शबाब पर रही, एक चांद दूसरे चांद के इंतज़ार में रहा
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा। तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने, चांद कहता रह गया मैं चांद हूं, मैं चांद हूं। करवा चौथ की कुछ रंगत ही ऐसी थी, 'उसके चेहरे' की चमक के सामने सादा लगा, आसमां पर चांद पूरा था मगर आधा लगा। देशभर में अखंड सुहाग का पर्व करवा चौथ का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। हाथ में पूजा की थाली और छलनी पकड़े रंग-बिरंगे परिधानों में सजी, श्रंगार किए हुए महिलाओं ने अपने अखंड सौभाग्य की कामना की। आसमान में चमक रहे चांद से अपने करीब रहने वाले चांद के लिए मंगल कामना की।
दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर अधिकांश इलाकों में चांद का दीदार कर सुहागिनों ने व्रत निश्चित समय से संपन्न किया। यहां काफी देर तक तेज बारिश होती रही, इससे महिलाओं को काफी परेशानी हुई।
शायद धरती पर मौजूद इन खूबसूरत से सैकड़ों चांद को देखकर वह दूर बैठा चांद या तो शरमा गया या फिर उसे जलन होने लगी। बादल और बारिश का सहारा लेकर वह लुका छुपी का खेल खेलता रहा।
ताज नगरी आगरा और उसके आसपास मौसम साफ रहा। करवा चौथ के मौके पर सुहागिन स्त्रियों ने निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना की। धार्मिक मान्यता के अनुसार सच्ची निष्ठा से व्रत किया जाए तो माता पार्वती सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण माना जाता है। पहले महिलाएं अपनी सास, देवरानी और जेठानी के साथ घरों में रहकर ही करवा चौथ का व्रत मनाती थी लेकिन अब सामूहिक रूप से करवा चौथ मनाने का प्रचलन अधिक है। सखी सहेलियों के साथ यह मनाया जाता है। सोसाइटी और बहुमंजिली इमारत में रहने के कारण अब महिलाएं सामूहिक रूप से हर एक त्योहार मनाती हैं। सभी महिलाओं ने करवा चौथ पर व्रत के पारण से पूर्व कहानी सुनी, चंद्र को अर्घ्य दिया और फिर अपने पति के साथ को संपन्न किया
| सालासर रेजीडेंसी बेलनगंज में करवा चौथ की पूजन के लिए मौजूद महिलाएं। |
| रश्मि नगर में करवा चौथ की पूजा के लिए तैयार महिलाएं |
आवास विकास सेक्टर 4 में करवा चौथ के मौके पर मौजूद महिलाएं।
| गिरधर कॉलोनी बलकेश्वर में चांद को अर्घ्य देने के लिए तैयार शिवानी उपाध्याय। |

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