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विभाजन विभीषिका दिवस पर सांझा की विभाजन की वेदना

राष्ट्रीय सिंधी महासंघ ने मनाया विभाजन विभिषिका दिवस, मौन रखकर शहीदों को किया नमन

न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा 14 अगस्त । राष्ट्रीय सिंधी महासंघ द्वारा कमला नगर स्थित कार्यालय पर विभाजन विभिषिका दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम अखण्ड भारत के विभाजन के दौरान शहीद हुए सैनिकों के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 
विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आए सिंधी समाज से जुड़े बुजुर्गों ने अपने विचार रखे। अध्यक्ष महेश चंद सोनी ने कहा कि विभाजन से पूर्व सिंध प्रदेश अखंड भारत का सबसे समृद्ध  प्रदेश था। भारत के आयात व निर्यात का प्रमुख केन्द्र था। सिंधियों के अपने पानी के जहाज थे, जिनसे व्यापार किया जाता था। विभाजन के परिणाम स्वरूप सबसे अधिक नुकसान सिंधियों को ही हुआ। एक रात में ही करोडपति से कंगाल हो गए। सचिव मनोहर लाल हंस ने बताया कि सिंधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। आधा पंजाब, आधा बंगाल वहां से निर्वासित लोगों को मिला। लेकिन सिंध प्रदेश पूरा पाकिस्तान की झोली में डाल दिया गया। देश के विभाजन में सबसे अधिक कुर्बानी सिंदियों ने दी है। कार्यक्रम में मौजूद बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत संरक्षक श्याम भोजवानी, जितेन्द्र त्रिलोकानी  द्वारा किया गया।

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