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श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर बलिहारी गए श्रद्धालु



न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 19 सितम्बर। गोपियों की मटकी तोडऩा, माखन चुराना, ग्वाल बालों संग गायों को वन में चराना और अपनी मुरली की धुन पर हर बृजवासी को नचाना। ऐसी भक्तिमय और सचित्र श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर हर श्रद्धालु बलिहारी गया। आवास विकास सेक्टर-7 में बृज भूमि धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आज कथा वाचक एक ब्रह्म राकेश जी ने श्रीकृष्ण के जन्म उपरान्त बृज में मने उत्सव और बाल लीलाओं का वर्णन किया। 
श्रीहरि के वामन अवतार, सकटासुर और पूतना वध सहित बृज में कंस के अत्याचारों का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान को पाने के लिए सांसारिक माया को त्यागना पड़ता है। तभी भगवान भक्त के हृदय में प्रवेश करते हैं। मैया यशोदा द्वारा कन्हैया को ऊखल से बांधने की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान को सिर्फ ममता और भक्ति से ही बांधा जा सकता है। श्रीराम द्वारा जटायु की अन्त्येष्ठी करने की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार राजा दशरथ ने युद्ध में देवतों की मदद की। इसमें राजा दशरथ का सहयोग जटायु ने भी किया। वरदान स्वरूप राजा दशरथ से जटायु ने उनके पहले पुत्र को मांगा था। इसलिए श्रीराम ने पुत्र समान जटायु की अंत्येष्टि की थी।
इस अवसर पर मुख्य रूप से राजा परीक्षित रवींद्र सिंह, कमलेश सुरेश कंसल (एडवोकेट) महामंत्री, नितिन गोयल, नमिता गोयल, सुमित जिंदल (मीडिया प्रभारी), गौरव तिवारी, नेत्रपाल यादव,विनोद सिंह तोमर, हरेंद्र सिंह, अनिल सिंह, बाबू सिंह, शशि, वर्षा, कंचन, नेहा, मोनिक, शिवानी, सोनी, पिंकी, हिमांशी, संगीता, कविता,आदि उपस्थित थे।

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