'उन्मुक्त उड़ान’ : जब भी उठा सैलाब दिल में, नदिया बन बही कविता...


डॉ. शशि सिंह का काव्य संग्रह ‘उन्मुक्त उड़ान’ लोकार्पित

न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 15 नवम्बर। सेंट जॉन्स कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा हिन्दी विभाग की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शशि सिंह के काव्य संग्रह ‘उन्मुक्त उड़ान’ का लोकार्पण कॉलेज सभागार में मंगलवार को किया गया। 
कार्यक्रम अध्यक्ष सेंट जॉन्स कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर एसपी सिंह रहे। मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गीतकार डॉ. सोम ठाकुर, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार शांति नागर, समीक्षक व डीईआई दयालबाग की पूर्व डीन डॉ. कमलेश नागर और समीक्षक व आरबीएस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. सुषमा सिंह, कार्यक्रम संयोजक एवं संचालक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पुनीता पांडे पचौरी, लोकार्पित कृति की रचनाकार डॉ. शशि सिंह और डॉ. नरेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से काव्य संग्रह का विमोचन किया।
सेंट जॉन्स कॉलेज के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. भगवान शर्मा, वर्तमान विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता शर्मा, रमा वर्मा, राजकुमारी चौहान, पूनम तिवारी, राजीव फिलिप, डॉ. दीप्ति, डॉ. संजय सिंह, रमा रश्मि, डॉ. मधु भारद्वाज, आभा चतुर्वेदी, अशोक अश्रु, सुशील सरित, अशोक रावत, ज्योत्स्ना रघुवंशी, डॉ. ज्योत्सना शर्मा, निखिल प्रकाशन के मोहन मुरारी शर्मा, प्रमुख रूप से मौजूद रहीं। 
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पुनीता पांडे पचौरी ने संयोजन और संचालन किया। डॉ. जैस्मिन ने आभार व्यक्त किया। समारोह में लोकार्पित कृति की समीक्षा डॉ. कमलेश नागर और डॉ. सुषमा सिंह ने की।  डॉ. कमलेश नागर ने कहा कि शशि की रचनाओं में चंद्रमा की चांदनी जैसी शीतलता के साथ भावनाओं का ज्वार अंतर में लाने की क्षमता भी है।
डॉ. सुषमा सिंह ने अपनी समीक्षा में कहा कि इन कविताओं में रचनाकार का प्रकृति प्रेम, बचपन की स्मृतियों से जुड़ाव, जीवन मूल्यों की मीमांसा करने की प्रवृत्ति और सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता प्रस्फुटित हुई है। इनकी विशेषता आशावादी स्वर है।
डॉ. शशि सिंह ने ‘जब भी उठा सैलाब दिल में, नदिया बन बही कविता के माध्यम से अपने मन के भाव व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी हृदय में सुख-दुख की अनुभूतियां होती हैं तो वे शब्दों के रूप में प्रस्फुटित हो जाती हैं।

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