सपा के कार्यालय पहुंचे अखिलेश, क्या तय होगी शिवपाल की भूमिका



न्यूज़ स्ट्रोक
लखनऊ, 16 दिसंबर। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव की ऐतिहासिक जीत के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को पहली बार पार्टी कार्यालय पहुंचे। अब समाजवादी पार्टी निकाय चुनाव में जीत का नया रिकार्ड बनाने के लिये पूरे दम-खम के साथ मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटी हुई है।
अखिलेश के सपा ऑफिस पहुंचते ही वहां पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भारी जमावड़ा लग गया।  प्रदेशभर से आए गए उम्मीदवारों अपने चयन को लेकर समाजवादी पार्टी कार्यालय में आवेदन पत्र भी दिया है।

निवर्तमान जीते उम्मीदवारों का नहीं कटेगा टिकट
नगर निकाय चुनाव के संभावित उम्मीदवारों के नामों पर अखिलेश यादव चर्चा कर रहे है। पहले से तैयार संभावित नामों पर अखिलेश यादव समीक्षा कर रहे है। आचार संहिता लागू होते ही समाजवादी पार्टी लिस्ट जारी करेगी। 
समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि निवर्तमान जीते हुए सभी लोगों को टिकट दिया जाएगा। हारी हुई सीटों और जीतने की संभावित सीटों को लेकर संभावित लिस्ट तैयार की है।
 शिवपाल यादव को लेकर जिज्ञासा 
हर कोई यह जानने के लिये भी उतावला देखा गया कि सपा में आ चुके शिवपाल यादव को सपा प्रमुख अखिलेश यादव आखिर क्या पद और जिम्मेदारी देते हैं?
मैनपुरी उपचुनाव के दौरान शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एक साथ आये। चुनाव परिणाम सामने आते ही शिवपाल यादव की पार्टी का समाजवादी पार्ट में विलय हो गया। शिवपाल और अखिलेश के एक साथ आने के कारण डिंपल यादव ने भी ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
समाजवादी पार्टी में प्रसपा के विलय के बाद यह साफ हो गया शिवपाल यादव को अब समाजवादी पार्टी में बड़ा रोल मिलने वाला है। अब चाचा शिवपाल को अखिलेश यादव कभी भी बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। अखिलेश यादव भी इस बात को साफ कर चुके हैं कि सपा में उनके चाचा की भूमिका बढ़ने वाली है।
अब सपा नेताओं समेत कार्यकर्ताओं की नजरें इस बात पर टिक गई है, अखिलेश यादव कभी भी पार्टी में शिवपाल यादव की जिम्मेदारी को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार सुबह जब पार्टी कार्यालय पहुंचे तो कई लोग इस सवाल का जवाब जानने को बेहद उत्सुक दिखे।
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि शिवपाल यादव के पार्टी से जुड़ने से समाजवादी पार्टी को निकाय चुनाव में बड़ा फायदा हो सकता है। सोच के चलते  सपा से निकाय चुनाव की दावेदारी करने वाले संभावित उम्मीदवारों में भारी जोश देखा जा रहा है।
हालांकि निकाय चुनाव की अधिसूचना पर भले हो 20 दिसंबर तक रोक लगी हुई हो लेकिन सियासी दलों समेत चुनावी अखाड़े में कूदने वाले संभावित प्रत्याशी इसकी जोरदार तैयारियों में जुटे हुए हैं।

Post a Comment

0 Comments