आर्किटेक्ट: कॉस्मेटिक नहीं ऑर्गेनिक बनें, आउट ऑफ बॉक्स सोचें




-आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन आगरा का दो दिवसीय आरकौन एक्सपो एंड समिट -2022 क्लार्क्स शिराज में शुरू
-भवन निर्माण सामग्री एवं तकनीक की लगी अब तक की सबसे विशाल प्रदर्शनी

न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 19 दिसंबर। आर्किटेक्चर की आत्मा है थ्री पी यानी पीपल, प्लेस और परपज। इनका ख्याल रखते हुए आर्किटेक्ट्स को अपने डिजाइंस में अपनी संस्कृति, विरासत, इतिहास, प्रकृति और इमोशंस का खूबसूरती से समावेश करना चाहिए। यह कहना था वर्ष के सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्टट और ज्वैल ऑफ पंजाब से सम्मानित दिल्ली के नामचीन आर्किटेक्ट प्रोफेसर चरनजीत शाह का। 
चरनजीत सोमवार को होटल क्लार्क्स शिराज में आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन आगरा द्वारा आयोजित चतुर्थ दो दिवसीय आरकॉन एक्सपो एंड सम्मिट-2022 के उद्घाटन सत्र में सस्टेनेबिलिटी एंड इनोवेशन इन आर्किटेक्ट विषय पर बतौर कीनोट स्पीकर अपना व्याख्यान दे रहे थे। विभिन्न राज्यों से आए विषय विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए चरनजीत शाह ने समझाया कि कॉस्मेटिक नहीं, ऑर्गेनिक बनें। आर्टिफिशियल नहीं, नेचुरल थिंग्स क्रिएट करें। आउट ऑफ द बॉक्स सोचें। 
इससे पूर्व आगरा के कमिश्नर की धर्मपत्नी डॉ. प्रीति गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलित कर दीप जलाकर नेशनल कांफ्रेंस और रिबन काटकर भवन निर्माण सामग्री और तकनीक की अब तक लगाई गई सबसे बड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। 
इस अवसर पर उनके साथ एडीए वीसी की पत्नी और मुख्य वन अधिकारी आरूषी मिश्रा, आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन आगरा के प्रेसिडेंट समीर गुप्ता, सचिव अमित जुनेजा, उपाध्यक्ष यशवीर सिंह, सुमित वैभव, शारदा गुप्ता, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे


आर्किटेक्ट अवंतिका शर्मा, हिमांशी, सुनील चतुर्वेदी, सिद्धार्थ शर्मा अनुराग खंडेलवाल और कोषाध्यक्ष अमित बघेल ने अतिथियों का स्वागत किया। श्रद्धा अरोरा और श्रुति बंसल ने संचालन किया। आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन आगरा के प्रेसिडेंट समीर गुप्ता विभव ने कहा कि देखना यह होगा कि हमने आर्किटेक्टर के क्षेत्र में इन 50 वर्षों में क्या पाया और क्या पाने के लिए अभी शेष है क्योंकि वर्ष 2050 तक दुनिया भर के 300 करोड़ लोगों को मकान की जरूरत पड़ेगी।
होटल क्लार्क्स शिराज में ताज नगरी की भवन निर्माण सामग्री और तकनीकी की अब तक की सबसे बड़ी और अत्याधुनिक प्रदर्शनी लगाई गई है। सोमवार को पहले दिन देर रात तक लोगों की इन स्टॉलों पर भीड़ लगी रही।

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