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लोकसभा चुनावों को लेकर यूपी में बीजेपी का विशेष सर्वे शुरू, टिकट के लिए गुप्त रूप से जुटाई जाएंगी सारी अहम जानकारी



मुकेश उपाध्याय 
नई दिल्ली, 30 मई। भारतीय जनता पार्टी के लिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश सबसे अहम रहेगा। यह खुद भाजपा को भी पता है कि पिछले दो चुनावों के मुकाबले इस बार परिस्थितियां उतनी आसान नहीं है। ऐसे में साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश भर में गुपचुप सर्वे शुरू कर दिया है। बीजेपी सभी 80 लोकसभा सीटों पर तीन स्तर से सर्वे करा रही है।
त्रिस्तरीय सर्वे से घोषित होंगे उम्मीदवार
पार्टी सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में इस सर्वे की अहम भूमिका होगी। इस त्रिस्तरीय सर्वे में से दो सर्वे में जिन दावेदारों के नाम आएंगे उन्हें पैनल में जगह मिल सकती है। प्रत्याशी चयन में उन्हीं नामों पर मंथन किया जाएगा। तीनों सर्वे की रिपोर्ट मिलाकर ही पार्टी चुनाव का रोडमैप तैयार करेगी।
 सर्वे को विशेष रूप में दिया जा रहा अंजाम 
खास बात ये है कि सर्वे को इस तरह अंजाम दिया जाएगा कि मौजूदा सांसद को भी पता नही चलेगा की कब उनकी अंदर खाने रिपोर्ट तैयार हो गई। सर्वे टीम के सदस्य अपनी पहचान छुपाते हुए प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में जाकर मौजूदा सांसद की छवि, क्षेत्र में उसकी उपस्थिति, जनता से व्यवहार को लेकर अन्य जानकारी इकट्ठा करेंगे। इसके अलावा प्रत्याशी बदलने पर चुनावी स्थिति, संभावित दावेदार, जातीय समीकरण का भी आकलन किया जाएगा. जनता के बीच चुनावी मुद्दे, मोदी योगी सरकार की योजनाओं की उपलब्धियों का असर, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर समेत राष्ट्रवाद के अन्य मुद्दों का जनता के बीच राजनीतिक प्रभाव की भी जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो इस सर्वे के लिए नियुक्त एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने राजधानी में डेरा जमाया हुआ है।
पार्टी का लक्ष्य यूपी में सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का है। इनमे से पार्टी ने कुछ सीटों को रेड जोन में रखा है। इन सीटों का चयन 2014 और 2019 के लोकसभा परिणाम के आधार पर किया गया है।
 बीजेपी की रेड जोन सीट 
बीजेपी ने सहारनपुर, रामपुर, आज़मगढ़, अंबेडकर नगर, अमरोहा, जौनपुर, नगीना, मुरादाबाद, लालगंज, श्रावस्ती, बिजनौर, गाजीपुर, घोसी, संभल, मैनपुरी और रायबरेली को रेड जोन में रखा है. रेड जोन के इन सीटों पर गहन सर्वे कराया जा रहा है। इसके माध्यम से पिछली बार हार के कारणों के साथ आगामी चुनाव में जीत के उपाय तलाशे जाएंगे।
इन लोगों से की जाएगी बातचीत
सर्वे टीम के सदस्य किसी भी जिले में जाकर अपना परिचय नहीं देंगे बल्कि चाय की दुकान, सरकारी एवं निजी दफ्तरों, पार्क, प्रबुद्ध लोगों, महिलाओं और युवाओं के बीच जाकर उनसे निर्धारित बिंदुओं के अनुसार बातचीत करेंगे जिसे सर्वे रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।

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